- कर्मचारियों के हित में काम नहीं कर पाने का मलाल, विवाद से रहेंगे दूर : गौतम
कोलकाता/जमशेदपुर. दक्षिण पूर्व रेलवे की प्रिंसिपल चीफ पर्सनल ऑफिसर डॉ महुआ वर्मा ने रेलवे मेंस यूनियन (South Eastern Railway Men’s Union) की इलेक्टेड सीओबी (सेंट्रल ऑफिस बियरर्स) की मान्यता बहाल कर दी है. यह निर्णय कोलकाता की अलीपुर जिला कोर्ट से आये फैसले के बाद लिया गया. रेलवे मेंस यूनियन के महामंत्री गौतम मुखर्जी को मुख्य कार्मिक पदाधिकारी डॉ महुआ वर्मा ने इस आशय का पत्र सौंपा. रेलवे के आदेश के साथ ही 11 और 12 सितंबर 2022 को आद्रा बीजीएम में घोषित SERMU की सीओबी की मान्यता बहाल हो गयी है.
अब रेलवे मेंस यूनियन (South Eastern Railway Men’s Union) भी रेलवे कर्मचारियों के हित में प्रबंधन के साथ स्थायी वार्ता के लिए अधीकृत इकाई बन गयी है. जोन से सीओबी की सूची जारी होते ही चक्रधरपुर, रांची, आद्रा और खड़गपुर में यूनियन नेताओं को खुश का इजहार किया. यह बताते चले कि यूनियन के दो गुटों का आपसी विवाद कोट में पहुंचाने के बाद रेल प्रशासन ने रेलवे मेंस यूनियन के सीओबी की मान्यता व वार्ता में सहभागिता पर रोक लगा दी थी. एक दिसंबर को जोनल स्तर पर जारी आदेश का रेलवे यूनियन के नेताओं ने स्वागत किया है.
दक्षिण पूर्व रेलवे मेंस यूनियन के महामंत्री गौतम मुखर्जी ने रेलहंट से बात करते हुए कहा कि कर्मचारियों के हित में लगातार काम नहीं कर पाने का मलाल है. उन्होंने कहा कि विवाद से दूर रहकर ही कर्मचारी हित में काम किये जा सकते हैं. यूनियन का प्रयास होगा कि वह अधिक से अधिक काम कर्मचारी हित में काम करे.
चक्रधरपुर डिवीजन से भी जारी हुई सूची, एमके सिंह करेंगे नेतृत्व
2 दिसंबर को वरिष्ठ मंडल कार्मिक पदाधिकारी के कार्यालय से भी रेलवे मेंस यूनियन के पदाधिकारियों की मान्यता को लेकर पत्र जारी कर दिया गया है. इस बार मंडल का नेतृत्व संयोजक एमके सिंह करेंगे. जारी बयान में चक्रधरपुर रेल मंडल के मंडल संयोजक एमके सिंह ने इस उपलब्धि के लिए कॉ गौतम मुखर्जी, कॉ शिव जी शर्मा व दूसरे नेताओं को बधाई दी है. उन्होंने कहा है कि यूनियन नेतृत्व के सतत् प्रयास से ही यह संभव हो सकता है. अब यूनियन रेलकर्मियों का हित के लिए काम करेंगी और कर्मचारियों की बात प्रबंधन के सामने रख सकेगी. इस मौके पर अनंत प्रसाद, संजय सिंह, मुकेश सिंह समेत कई रेलकर्मी उपस्थित थे.