दिल्ली. रेलवे बोर्ड ने अब अपने कर्मचारियों को एक व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण देने का फैसला लिया है. पटरियों की गश्त के दौरान रखरखाव कर्मचारियों के ट्रेनों की चपेट में आने के मामलों को लेकर चिंतित रेलवे बोर्ड ने ये कदम उठाया है.
ट्रैकमैन को जूते, दस्ताने, बरसाती, सर्दी में पहना जाने वाला जैकेट और औजार भी दिये जाते हैं. बोर्ड ने पिछले हफ्ते सभी ट्रैकमैन के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में उच्च घनत्व वाले क्षेत्रों में इस्तेमाल किए जा सकने वाले वॉकी टॉकी डिवाइस ‘रक्षक’ को मंजूरी प्रदान कर दी.
बोर्ड ने सभी जोनल रेलवे को लिखे एक पत्र में कहा है, ‘पटरी पर ड्यूटी के दौरान ट्रैकमैन के कुचले जाने की भारी संख्या को देखते हुये रक्षक प्रकार का एक सुरक्षा प्रणाली का इस्तेमाल करना जरूरी है और इसे शीघ्रता से लागू करने की आवश्यकता है.’
पत्र में कहा गया है, ‘हालांकि, प्रणाली अभी शुरुआती चरण में है और समूचे रेल नेटवर्क पर इसे लागू करना संभव नहीं है. हालांकि, लोगों के कुचले जाने की भारी संख्या को देखते हुये प्रायोगिक आधार पर समूचे उच्च घनत्व वाले नेटवर्क पर रक्षक तरह की सुरक्षा प्रणाली तैनात किये जाने का निर्णय किया गया है.’
रक्षक को 24 किलोमीटर लंबे दक्षिण मध्य रेलवे में लगाया गया है और आने वाली ट्रेनों के बारे में ट्रैकमैन को पहले बताने में यह सफल रहा है.