दीपक कुमार दासगुप्ता, खड़गपुर
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देश में ऑक्सीजन की मांग कभी इतनी उछाल पर होगी, यह किसी ने सोचा भी नहीं था. लेकिन कोरोना काल ने देश को वे दिन दिखाए, जो इससे पहले कभी नहीं देखे गए. कहना मुश्किल है कि इस कालखंड में कितने मरीजों की जान महज ऑक्सीजन की कमी के चलते गई. अब बहस इस पर छिड़ी है कि ऑक्सीजन की कारगर आपूर्ति इस तरह से की जाए कि किसी मरीज की जान न जाए. इसके लिए अलग – अलग सुझाव पेश किए जा रहे हैं. लेकिन मेरा मानना है कि इस महा राष्ट्रीय कर्तव्य में भारतीय रेलवे ही सबसे कारगर हो सकती है.
क्योंकि रेलवे का नेटवर्क समूचे देश में फैला है. सड़क मार्ग से ऑक्सीजन भेजने में देरी की शिकायत को अनदेखा नहीं किया जा सकता. क्योंकि नारकीय जाम की समस्या से हर नागरिक अवगत है. तिस पर राजनैतिक कारणों से भी टैंकर के आवागमन को बाधित किया जा सकता है. इसलिए ऑक्सीजन टैंकर की ढुलाई में रेलवे को प्राथमिकता देते हुए शीघ्र ही यह महाअभियान शुरू होना चाहिए. मरीजों की जान बचाने के लिए यह बेहद जरूरी है. दूसरी प्राथमिकता जल मार्ग को दिया जाना चाहिए. इससे उन इलाकों में सहजता से ऑक्सीजन पहुंच सकेगी, जो जलपथ से जुड़े हैं.
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