PRAYAGRAJ. उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ के महामंत्री रूपम पांडे के नेतृत्व में एक दर्जन से अधिक कार्यकर्ता शनिवार को अचानक केंद्रीय रेलवे चिकित्सालय में सुविधाओं का जायजा लेने पहुंच गये. इस दौरान समस्याओं को सूचीबद्ध करने पर चिकित्सा निदेशक (MD) और नेताओं के बीच टकराव की स्थिति भी उत्पन्न हो गयी. चिकित्सा निदेशक (MD) ने यूनियन द्वारा निरीक्षण से पूर्व सूचना दिये जाने की औपचारिकता पूरी करने की बात कही तो यूनियन नेताओ ने स्पष्ट कहा कि सच जानने के लिए जरूरी था कि औचक जांच की जाये.

मरीजों से मिलते UMRKS के नेता
इस दौरान यूनियन नेताओं को अस्पताल में मौजूद कर्मचारी एवं मरीजों से समस्याएं लिखकर दी. UMRKS के लोग सुबह लगभग 11:00 बजे चिकित्सालय पहुंच गये थे. अस्पताल में पायी गयी समस्याओं पर यूनियन की ओर से बयान जारी कर वस्तुस्थिति का खुलासा किया गया. इसमें बताया गया कि अस्पताल जैसे स्थान पर गंदगी यह साबित कर रही थी कि यहां सब कुछ ठीक नहीं है. दवा के कई काउंटर बंद थे तो कुछ में लंबी लाइन थी. सीनियर सिटीजन के लिए काउंटर संचालित नहीं था. मरीजों को दवा काउंटर पर आधी से अधिक दवा नहीं मिल रही थी.
यूनियन द्वारा जारी की गयी कुव्यवस्था की सूची
- अस्पताल परिसर में स्वच्छता की कमी तथा शौचालयों में अत्यधिक गंदगी
- दवा वितरण के कई काउंटर बंद पाए गए, जबकि मरीजों की लंबी लाइन लगी थी
- सीनियर सिटीजन के लिए अलग से कार्यशील लाइन नहीं, केवल नाम मात्र का उल्लेख
- LP दवा काउंटर पर अत्यधिक भीड़, डॉक्टर द्वारा लिखी गई आधी दवाएं उपलब्ध नहीं
- मरीजों को बाहर से दवाएं खरीदने के लिए बाध्य होना और परेशान रहना
- अल्ट्रासाउंड विभाग पूर्ण रूप से बंद पाया गया तथा आकस्मिक अल्ट्रासाउंड की कोई सुविधा नहीं
- मरीजों को उपलब्ध बेडशीट गंदी एवं कई मरीजों के पास फटे हुए कंबल पाए गए
- फायर हाइड्रेंट से पानी का अनियंत्रित बहाव तथा अन्य कई महत्वपूर्ण कमियां दर्ज की गईं
यूनियन की ओर से बताया गया कि निरीक्षण के दौरान संगठन के लोग जब मरीजों और कर्मचारियों से परेशानियां नोट कर रहे थे तो चिकित्सा निदेशक (MD) ने रोक-टोक की. उन्होने निरीक्षण के लिए पूर्व सूचना देने की बात कही. यूनियन का इस मामले में स्पष्ट कहना है कि पूर्व सूचना देने पर कई विसंगतियां छिपाई या सुधार ली जातीं, इसलिए औचक निरीक्षण आवश्यक था.

डॉक्टर से जानकारी लेते UMRKS के नेता
इस दौरान डॉ एम. कुमार, डॉ संजय कुमार तथा डॉअनुराग यादव द्वारा यह सुझाव दिया गया कि ग्रुप ‘C’ एवं ग्रुप ‘D’ कर्मचारियों की भारी कमी के कारण कई कार्य प्रभावित होते हैं, अतः इन पदों पर तत्काल नियुक्ति बढ़ाई जानी चाहिए. संगठन द्वारा समस्याओं, सुझावों और एकत्रित फोटोग्राफ को मंडल रेल प्रबंधक तथा महाप्रबंधक को भेजा जा रहा है.
निरीक्षण दल में सभाजीत चौबे, आशीष मिश्रा, रूक्मानंद पांडे, सत्यम गुप्ता, सनत कुमार तिवारी, संतोष शर्मा, बीरबल ठाकुर, राकेश शुक्ला, शिवकुमार, प्रहलाद कुमार, नागेंद्र पांडे, श्याम जी शुक्ला, सुरेश शर्मा, अंजनेय रंजन, राजेंद्र छाबड़ा आदि उपस्थित रहे.











































































