KHARAGPUR. रविवार शाम आंध्र प्रदेश में हुए ट्रेन हादसे का रेलवे यात्री परिवहन पर बड़ा असर पड़ा है . जो लोग दक्षिण भारत से बंगाल, ओडिशा की ओर लौट रहे थे उन्हें अपने गंतव्य तक पहुंचने में 35 से 45 घंटे की देरी हो गई. दुर्घटना के कारण हावड़ा सहित पूर्वी भारत की ओर जाने वाली अधिकांश ट्रेनों को घुमाकर चलाया गया। कई मामलों में ट्रेनें बिलासपुर, नागपुर, टाटानगर होते हुए खड़गपुर पहुंचीं.

कई रेल यात्री समय बचाने के लिए विशाखापट्टनम से फ्लाइट टिकट बुक करा कर लौटे. मेदिनीपुर की रहने वाली शिक्षिका पापिया चौधरी सरकार कुछ दिन पहले इलाज के सिलसिले में अपने पति सुरजीत सरकार और बेटे अर्पित सरकार के साथ वेल्लोर गई थीं. रविवार शाम को वे संतरागाछी-बैंगलोर सुपर फर्स्ट ट्रेन में ओंगल के पास थे, तभी उन्हें ट्रेन दुर्घटना की खबर मिली.
ट्रेन के विजयवाड़ा पहुंचने के बाद, उन्हें सूचित किया गया कि ट्रेन नागपुर की ओर घूमेगी. कई लोग वहां से उतरकर विशाखापट्टनम गए और विमान से कोलकाता लौट आए. पापिया चौधरी सरकार ने कहा कि उन्हें सोमवार शाम को लौटना था और वे मंगलवार सुबह खड़गपुर पहुंचे. हालांकि ट्रेन में पीने के पानी की कोई खास दिक्कत नहीं है, लेकिन खाने को लेकर काफी दिक्कत हो गई.
ऑनलाइन के युग में, कई यात्रियों को नकदी की कमी के कारण भोजन खरीदने में समस्याओं का सामना करना पड़ा. इसके अलावा कई लोग ट्रेन से परीक्षा देने आ रहे थे, लेकिन रूट पर ट्रेन लेट होने के कारण वे परीक्षा नहीं दे सके. लगातार हो रही ट्रेन दुर्घटनाओं से यात्री परेशान हैं. वे चाहते हैं कि रेल यात्रा सुरक्षित हो.
