इलाहाबाद. उत्तर मध्य रेलवे में बीसों साल बाद किए गए डॉक्टरों के ट्रांसफर चार माह बाद ही रद्द कर उन्हें पुनः उनके पूर्व स्थानों पर पदस्थापित कर दिया गया है. झांसी, आगरा और कानपूर से ट्रांसफर हुए किसी सीनियर डॉक्टर चार माह में अभी नयी जगह ज्वाइन नहीं किया था तब तक उनका तबादला आदेश उसी डिवीजल में रहने का फिर से आ गया. बताया जाता है कि उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय सहित तीनों मंडलों में चार माह पूर्व लगातार मिल रही शिकायतों की जांच और विजिलेंस की अनुशंसा पर डॉक्टरों के ट्रांसफर आदेश जारी किए गए थे. हालांकि पोस्टिंग में उन्हें सेटिंग लगाने का पूरा मौका दिया गया और नतीजा अब सामने आया है.
सोमवार, 2 अप्रैल को उ.म.रे. मुख्यालय द्वारा जारी आदेश को देखने मात्र से यह स्पष्ट हो जाता है कि इन सभी डॉक्टर्स को उनकी पुरानी जगहों पर ही चॉइस पोस्टिंग बहाल कर दी गई है. बताया जा रहा है कि डॉक्टरों की ट्रांसफर/पोस्टिंग में ‘रेलवे स्वास्थ्य सेवा निदेशालय’ के डीजी/आरएचएस सहित कुछ अन्य तथाकथित उच्च स्वास्थ्य अधिकारियों की अनुशंसा भी काम आयी है. तबादलों में झांसी, कानपुर, आगरा और इलाहबाद में बीस-पचीस वर्षों से एक ही जगह जमे हुए डॉक्टरों को मात्र छः माह में पुनः उनके पूर्व स्थानों पर पदस्थ कर दिया गया है. इसे लेकर सिस्टम पर सवाल उठाये जा रहे है.