HAJIPUR : अपने तरह के पहले रिश्वत कांड में फंसे हाजीपुर जीआरपी पोस्ट के प्रभारी जयसिंह तियु, जमादार मो. मुस्तकीम और सिपाही कमलेश पासवान को रेल एसपी डॉ कुमार आशीष ने निलंबित कर दिया है. इन लोगों ने अपराधी को छोड़ने के एवज में ऑनलाइन 15 हजार रुपये की रिश्वत ली थी. अपर पुलिस महानिदेशक (रेलवे) ने इसकी गहराई से जांच करायी.
रेल एसपी मुजफ्फरपुर के आदेश पर मुख्यालय डीएसपी अतनु दत्ता ने जांच में पाया कि सोनपुर के गिरफ्तार अपराधी बनरा को छोड़ने के लिए जमादार और सिपाही ने ऑनलाइन डिजिटल वॉलेट के माध्यम से 15 हजार रुपये की रिश्वत ली थी. इसके बाद बनरा अपने संदिग्ध मोबाइल नंबर से लगातार थानाध्यक्ष जयसिंह तियू से बात करता रहा. जयसिंह तितु अपने निजी नंबर से लगातार कुख्यात बनरा से घंटों-घंटों बातचीत करते थे.
इस दौरान केस के आइओ मो. मुस्ककीम एवं मुंशी से रुपये का लेन देन करवाया गया पाया गया. पैसे के लेनदेन के लिए कई तरह के अलग-अलग हथकंडे अपनाये जाने का खुलासा हुआ. रिश्वत लेने की घटना 21 फरवरी 2023 की है. जांच में सच सामने आने पर घटना के पांच माह बाद एसपी डॉ कुमार आशीष ने हाजीपुर रेलवे पुलिस पोस्ट के प्रभारी जयसिंह तियु, जमादार मो. मुस्तकीम और सिपाही कमलेश पासवान को निलंबित कर दिया है.
रेल एसपी मुजफ्फरपुर की ओर से बकायदा प्रेस बयान जारी कर इसका खुलासा किया गया. इसमें बताया गया है कि किस तरह एक अपराधी को बचाने के लिए ऑनलाइन रिश्वत ली गयी और पुलिस क अधिकारी व जवानों का जुड़ाव अपराधी से बना रहा. हालांकि जांच में पांच माह का समय लगा लेकिन सच सामने आ गया.
सोमवार को एसपी डॉ कुमार आशीष ने थाना प्रभारी समेत तीन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए स्पष्टीकरण मांगा है. हाजीपुर रेल पुलिस पोस्ट प्रभारी समेत जमादार व सिपाही पर विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गयी है. एसपी ने बताया कि आरोपियों को कठोर से कठोर सजा दी जायेगी. इसके लिए वैज्ञानिक तरीके से हुई जांच में पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य मौजूद है.