रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में बुधवार को बताया कि जल-जमाव एवं अन्य समस्याओं को देखते हुए देश में रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी) को यथासंभव रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) में परिवर्तित करने का प्रयास किया जा रहा है. लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान दुलाल चंद गोस्वामी, उदय प्रताप सिंह ने इस विषय पर पूरक प्रश्न पूछते हुए देशभर के रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी) में जल-जमाव की समस्या को उठाया और सरकार से इस पर गंभीरता से ध्यान देने की मांग की.
रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि देश में विभिन्न क्षेत्रों से रेलवे अंडर ब्रिज में जल-जमाव की समस्या का विषय सामने आया है. इस विषय पर रेलवे ने देशभर से हमारे चीफ इंजीनियरों की कार्यशाला आयोजित की थी और विभिन्न विकल्पों पर विचार किया था. उन्होंने कहा कि इस विषय पर चार विकल्पों पर काम चल रहा है जिसमें पम्पिंग के जरिये पानी निकालने की व्यवस्था, इसके डिजाइन में बदलाव, आरयूबी को चौड़ा करना तथा अधिक से अधिक आरयूबी को आरओबी में बदलना शामिल है.
उन्होंने कहा कि दूर-दराज के इलाकों में कितना भी प्रयास करें, आरयूबी में जल-जमाव की समस्या रहेगी. वैष्णव ने कहा, ‘रेलवे अंडर ब्रिज (आरयूबी) को यथासंभव रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) में परिवर्तित करने का प्रयास किया जा रहा है.’ उन्होंने कहा कि आरओबी का खर्च अधिक आता है, लेकिन इस दिशा में प्रयास हो रहा है. रेल मंत्री ने कहा कि एक आरयूबी के निर्माण पर 1-2 करोड़ रूपये खर्च आता है जबकि एक आरओबी के निर्माण पर 50 करोड़ रूपये लागत आती है.