Connect with us

Hi, what are you looking for?

Rail Hunt

न्यूज हंट

आखिर रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव को ऐसा क्या पता चला कि कर दी सीबीआई जांच की अनुशंसा

प्रतीकात्मक तस्वीर
  • सीबीआई ने शुरू की बालासोर रेल हादसे की जांच, ‘साजिश या चूक’ के बीच उलझ रही गुत्थी

Bhubaneswar. सीबीआई की 10 सदस्यीय टीम ने रेल दुर्घटना के कारणों की जांच शुरू कर दी है. सीबीआई टीम मौके पर पहुंच चुकी है और साक्ष्य के अलावा बयानों को खंगालने का काम शुरू कर दिया है. बालासोर रेल हादसे में अब तक सिग्नल सिस्टम से छेड़छाड़, मानवीय चूक के अलावा दूसरी बिंदुओं को लेकर अलग-अलग बयान आने के बाद रेलवे ने सीबीआई जांच की अनुशंसा की है.

बहानगा बाजार स्टेशन का सिग्नल बोर्ड

बालासोर में तीन ट्रेनों की टक्कर में 275 लोगों की मौत और हजारों के घायल होने के कारणों की तलाश रही सीबीआई पर काफी दबाव है. रेलवे अधिकारियों के भीतर ही दुर्घटना के कारणों को लेकर द्वंद की स्थिति है. एसएंडटी विभाग दबाव में है तो ऑपरेटिंग आक्रमक तो  इंजीनियरिंग मौन. दुर्घटना के कारणों को लेकर सभी मौन है. मौके पर पहुंची सीबीआई टीम यह जानने की कोशिश करेगी कि ट्रेनों की भिड़ंत की असली वजह क्या थी? यह मानवीय चूक थी। या फिर साजिश के तहत इसे अंजाम दिया गया?

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव

रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने तो यहां तक कह दिया था कि यह हादसा सिग्नलिंग सिस्टम में बदलाव के कारण हुआ. कारणों और जिम्मेदारों की पहचान कर ली गयी है जल्द ही इसका खुलासा कर दिया जायेगा. अब सवाल यह उठता है कि आखिर रेलमंत्री को ऐसा क्या लगा कि उन्होंने अचानक सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दी ?

सीबीआई प्रवक्ता ने बताया कि दो जून को ओडिशा के बहानगा बाजार में कोरोमंडल एक्सप्रेस, यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस और मालगाड़ी के हादसे से संबंधित मामला बालासोर में केस नंबर 64 दर्ज किया गया था उसे टेकओवर कर लिया गया है. रेलवे की टीम पहले ही जांच व बयान दर्ज कर चुकी है, दोनों ट्रेनों के ड्राइवरों और सहायक स्टेशन मास्टर से पूछताछ की गयी है. शुरुआती जांच में इंटरलॉकिंग और प्वाइंट में बदलाव की पहचान की गई है.

वंदे भारत योजना से जुड़े एक पूर्व अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि यह घटना सिग्नलिंग की फेल्योर के कारण नहीं हुई है. उन्होंने बताया कि दुर्घटना के कई अन्य कारण हो सकते है इसमें साजिश व मरम्मत में चूक आदि शामिल है. उन्होंने स्प्ष्ट किया कि अब तक जो स्थिति सामने आयी है उसमें सिग्नलिंग फ्ल्योर वाली बात नहीं दिख रही. अब चूंकि सीआरएस के बाद सीबीआई जांच शुरू हो गयी है इसलिए इस मामले में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.

उधर, रेल संरक्षा आयुक्त शैलेश कुमार पाठक ने 6 जून 2023 को बहानगा बाजार स्टेशन पहुंचकर सिग्नलिंग से लेकर प्वाइंट आदि की जांच की. उन्होंने रेलकर्मियों का बयान भी दर्ज किया. जांच में यह बात सामने आयी कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में गड़बड़ी थी. बिना छेड़छाड़ के यह संभव ही नहीं है कि मेन लाइन के लिए सिग्नल देने के बाद निर्धारित रूट लूप लाइन में बदल जाये. रेलवे संरक्षा आयुक्त (CRS) की जांच में भी कई फैक्ट और जानकारियां सामने आई हैं.

बालासोर रेल हादसे के बाद से रेल मंत्रालय सकते में है. रेलमंत्री स्वयं मौके पर मौजूद है और यातायात बहाली की प्रक्रिया को नजदीकी से मॉनिटर कर रहे. रेलवे में अब तक की कवायद से तो यही स्थिति सामने आ रही है कि सिग्ननिंग प्रणाली की चूक ही दुर्घटना कारण बनी, या तो यह मानवीय भूल थी अथवा सिस्टम में छेड़छाड़ करने से ऐसा हुआ! रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने तो यहां तक कह दिया था कि यह हादसा सिग्नलिंग सिस्टम में बदलाव के कारण हुआ. कारणों और जिम्मेदारों की पहचान कर ली गयी है जल्द ही इसका खुलासा कर दिया जायेगा. अब सवाल यह उठता है कि आखिर रेलमंत्री को ऐसा क्या लगा कि उन्होंने अचानक सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दी ?

Spread the love
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

अभी अभी

You May Also Like

आरपीएफ-जीआरपी

सर्विस कंपनी में संविदा पर सफाई कर्मी है पकड़ा गया आकाश, रेलवे में नौकरी करने का सपना था दसवीं में फेल, सामाजिक रुतबा बढ़ाने...

जोन/बोर्ड/डिवीजन

उम्मीदों पर फिरा पानी, इस साल भी 78 दिनों के बोनस में मिलेंगे अधिकतम 17,951 रुपये Indian Railway Bonus. भारतीय रेलवे ने अपने लाखों...

आरपीएफ-जीआरपी

SER जोन में अवैध वेंडर यूनियनों ने आरपीएफ पर लगाया जबरन कार्रवाई करने का आरोप  KHARAGPUR. रेलवे में अवैध वेंडरों की मनमानी की कहानी...

जोन/बोर्ड/डिवीजन

धनबाद मंडल के बरकाकाना में हुए खुलासे के बाद डीआरएम ने दिए जांच के आदेश  यूनियन के पदाधिकारी है आरोपी इंचार्ज एमपी महतो, छह...