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SER : अवैध वेंडरों पर नकेल कसने की तैयारी, कई स्तर पर चल रही जांच, निशाने पर आरपीएफ !

SER : अवैध वेंडरों पर नकेल कसने की तैयारी, कई स्तर पर चल रही जांच, निशाने पर आरपीएफ !
  • करोड़ों खर्च कर लगाये गये सीसीटीवी कैमरों में क्यों नहीं नजर आते अवैध वेंडर !   
  • डीआरएम व सीनियर डीएससी के निर्देश पर अलग-अलग टीमें कर रही जांच

Illegal Vendors in SER. रेलवे के हर स्टेशन पर वेंडरों का नजर आना आम बात है लेकिन जब अवैध वेंडरों की गतिविधियां किसी स्टेशन पर अनियंत्रित होने लगे तो न सिर्फ  विधि-व्यवस्था वरन यात्रियों के लिए भी गंभीर चिंता का विषय बन जाती है. क्योंकि तब कमाई के लिए अवैध वेंडर उन हथकंडों को अपनाने लगते है जो खाद्य पदार्थ को जहरीला व जानलेवा बना देता है. वेंडर सड़ा-गला-बासी खाना ऊंची कीमत पर यात्रियों को परोसने से परहेज नहीं करते और ऐसे खाने की जांच अथवा निगरानी की जिम्मेदारी किसी भी स्तर पर तय नहीं हो पाती है. फिलहाल #SER_CKP रेल प्रशासन अवैध वेंडरों पर नकेल कसने की तैयारी में हैं. इसके लिए लगातार अभियान चलाये जाने के निर्देश दिये गये हैं.

इन दिनों  SOUTH EASTERN RAILWAY के चक्रधरपुर रेलमंडल में अवैध वेंडरों की गतिविधियों और उनकी आरपीएफ के साथ सीधी संलिप्तता को लेकर कोहराम मचा हुआ है. सवाल उठाया जा रहा कि क्या आरपीएफ अवैध वेंडरों का रोक पाने में नाकाम साबित हो रहा ? क्या आरपीएफ की मिलीभगत से ही स्टेशनों व ट्रेनों में अवैध वेंडिंग का कारोबार धड़ल्ले से चलाया जा रहा है ? आलम यह है कि अवैध वेंडिंग के कारणों के पीछे स्टेशन पर कॉमर्शियल व कैटरिंग के लोगों की भूमिका चाहे जो भी रही हो, हमेशा से इसके लिए जिम्मेदार आरपीएफ को ही ठहराया जाता रहा है और वर्दी की प्रतिष्ठा इस मामले में हमेशा सवालों के घेरे में आती रही है ? सवाल यह उठाया जा रहा है कि आखिर करोड़ों खर्च कर लगाये गये स्टेशनों के सीसीटीवी कैमरों में अवैध वेंडर क्यों नजर नहीं आते ?  

दक्षिण पूर्व रेलवे के राउरकेला टाटानगर स्टेशन पर अवैध वेंंडरों की गतिविधियों, अवैध वेंडरों की रेलवे के संसाधनों तक सीधी पहुंच, संरक्षा के लिए उठ रहे गंभीर सवालों के बीच आरपीएफ के लोगों के साथ उनकी संलिप्तता की अलग-अलग जांच चल रही है. जांच के दायरे में आरपीएफ के सब इंस्पेक्टर से लेकर एएसआई और कांस्टेबल हैं, जिनकी अवैध वेंडर व टिकट दलाल के साथ वायरल तस्वीर की पहचान करने का प्रयास किया जा रहा है. राउरकेला स्टेशन पर वेंडरों के सरगना के रूप में ऑपरेटिंग विभाग में कार्यरत महिला रेलकर्मी के पति की पहचान की गयी है. उसकी चालू रेल इंजन पर चढ़कर ली गयी तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद मामला डीआरएम/चक्रधरपुर तक पहुंचा है. इस मामले में जांच की दायरे में महिला रेलकर्मी भी आ गयी हैं. दो दिन पहले उन्हें चक्रधरपुर मुख्यालय बुकअप भी किया गया था.

सोशल मीडिया फेसबुक में सुरेंद्र पटेल के नाम से इस वेंडर का फेसबुक प्रोफाइल है जिसमें यह खुद को मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे का कर्मचारी बताता है. जानकारों का कहना है कि यह तस्वीर राउरकेला स्टेशन के लाइन नंबर 7-9 के सामने की है जहां फिलहाल पुरानी दीवार तोड़कर नयी दीवार उठाने का काम किया जा रहा है. वहीं आरपीएफ के लोगों की जो तस्वीर वायरल है वह एक टिकट दलाल के घर के सामने की है, जो आरपीएफ जवानों के साथ तस्वीर में भी दिखायी दे रहा है. इसकी जांच सीनियर डीएससी/चक्रधरपुर की ओर से प्रतिनियुक्त जांच अधिकारी सीआईबी इंस्पेक्टर भोला सिंह कर रहे हैं. जांच में क्रम में उन स्टॉल संचालकों का भी बयान दर्ज किया गया है जिन्होंने राउरकेला स्टेशन पर अवैध वेंडिंग से प्रभावित होने की शिकायत दर्ज करायी थी. इस मामले की जांच रेल प्रशासन भी करा रहा. 

आरपीएफ के सूत्रों का दावा है कि अगर जांच अधिकारी ने पादर्शिता दिखायी तो इस पूरे प्रकरण में राउरकेला आरपीएफ पोस्ट प्रभारी गौतम कुमार गांधी के अलावा आरपीएफ के तमाम लोगों पर कड़ी कार्रवाई तय है क्योंकि इस पूरे प्रकरण में राउरकेला में अवैध वेंडिंग के तार सीधे तौर पर आरपीएफ से जुड़े होने के परिस्थितिजन्य साक्ष्य स्टेशनों के सीसीटीवी फुटेज में मौजूद हैं. विडंबना यह भी है कि इनमें तीन आरोपी तो जांच अधिकारी के सीधे नियंत्रण वाले राउरकेला स्टेशन पर ही पदस्थापित हैं. आरपीएफ महकमे में ही चर्चा तेज है कि जांच अधिकारी पर एक ओर यात्रियों की सुरक्षा और रेलवे की संरक्षा सुनिश्चित कराने का दायित्व है तो दूसरी ओर अधीनस्तों के खिलाफ ही कार्रवाई की अनुशंसा करने का दबाव. क्योंकि अगर स्टेशन पर अवैध वेंडिंग होती रही है जो सीसीटीवी फुटेज में साफ है तो इससे आरपीएफ के किसी भी विंग को अलग करके दोष मुक्त कैसे करार दिया जा सकता है ?  अब इंतजार है तो जांच व रिपोर्ट का.

राउरकेला : जांच अधिकारी के पहुंचते ही पूरी तरह बंद हो गयी अवैध वेंडिंग

राउरकेला में कोहराम के बीच बड़ी खबर यह है कि यहां दो दिनों से अवैध वेंडिंग पूरी तरह बंद हैं. यह दिलचस्प इसलिए भी है कि क्योंकि दो दिनों से जांच अधिकारी सह सीआईबी इंस्पेक्टर भोला सिंह राउरकेला में थे. यहां यह बताना जरूरी हो जाता है कि रेल प्रशासन के तमाम प्रयासों के बावजूद यहां अवैध वेंडिंग को नहीं रोका जा सका था. स्टेशन प्रबंधक, कैटिरंग इंस्पेक्टर, सीआई से लेकर आरपीएफ एएससी तक प्रयास करते रहे, 70 पैकेट अवैध बिरयानी तो मिली लेकिन कोई भी वेंडर नहीं पकड़ा जा सका. अब यहां दो दिनों से पूरी तरह अवैध वेंडिंग बंद है और इसे लेकर उन लोगों में बेचैनी है जो इससे प्रभावित हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि जांच अधिकारी ने आरपीएफ पोस्ट प्रभारी को स्पष्ट ताकीद की है कि अवैध वेंडिंग किसी भी रूप में नहीं करायी जानी चाहिए.

हमारा प्रयास सच को सामने लाना मात्र हैं. सभी प्रतिक्रियाओं का स्वागत हैं ताकि हर पक्ष की बात सामने आ सके और हमारे सजग पाठक हर पक्ष की स्थिति से वाकिफ हो सके और किसी को यह न लगे कि उसकी बात या उसका पक्ष सुना नहीं जा रहा है. अपना पक्ष या अपनी प्रतिक्रिया इस मेल आईडी – railnewshunt@gmail.com अथवा वाट्सएप नंबर +91 9905460502 पर भेजें.

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