- रेलमंडल में सेफ्टी के तमाम नियम ठेंगे पर, चालक की जगह सहचालक कर रहा था पुशपुल मालगाड़ी की पायलटिंग
- मालगाड़ी के बैकिंग इंजन में चालक को दी गयी थी डयूटी, रोस्टर व ड्यूटी बुकिंग भी संदेह के घेरे में
- ज्वाइंट प्रोसिड ऑडर को लेकर चालकों ने उठाया सवाल, मामले को आगे ले जाने की तैयारी
जमशेदपुर से धमेंद्र की रिपोर्ट. चक्रधरपुर रेलमंडल के टाटानगर स्टेशन के समीप आदित्यपुर-टाटा स्टील यार्ड में आयरन ओर लोड मालगाड़ी के बेपटरी होने की घटना में रेल प्रशासन ने आखिरकार दोनों चालकों पर गाज गिरा दी है. सीनियर डीओपी ने दुर्घटना के लिए प्रारंभिक रूप से जिम्मेदार मानते हुए सहचालक सुधीर कुमार और बैकिंग इंजन के पायलट एसपी कुमार को निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए इंक्वायरी टीम गठित कर जांच की जा रही है. आयरन ओर लोड मालगाड़ी के आगे और पीछे दोनों ओर इंजन था.
शनिवार की सुबह लगभग 10.10 बजे हुई दुर्घटना में मालगाड़ी के रोल्ड (लुढकने) होने के कारण बैंकिग इंजन समेत पीछे के चार वैगन पटरी से उतर गये थे. दुर्घटना के बाद इसके कारणों को लेकर रेलवे अधिकारी कारणों पर मंथन करने में जुटे हे तो पूरे मामले को संरक्षा की गंभीर चूक के कारण दबाने का भी भरपूर प्रयास किया जा रहा है. चालकों पर की गयी कार्रवाई के बाद दबी जुबान से चालक वर्ग ने आक्रोश जताया है और सेफ्टी की चूक के लिए रेलवे के आला अधिकारी और जेपीओ यानि ज्वाइंट प्रोसिड आर्डर की खामियों की ओर इशारा किया जा रहा है. जेपीओ के तहत ही मालगाड़ी में पायलट चालक की जगह सहचालक सुधीर कुमार को डयू्टी दे दी गयी थी जिनके पास आपात स्थिति में लोको को कंट्रोल करने का पर्याप्त अनुभव नहीं था जो इस दुर्घटना का एक कारण बना.
रेलवे की जांच में यह बात सामने आयी है कि आदित्यपुर से रवाना हुई आयरन ओर लोड मालगाड़ी ओवरब्रिज से आगे बढ़ने के बाद अचानक रोल्ड होने लगी. मालगाड़ी में बतौर चालक लोको यानी इंजन में असिस्टमेंट लोको पायलट सुधीर कुमार की डयूटी थी. इंजन में कोई चालक नहीं था. हालांकि सेफ्टी नियमों के अनुसार अनुसार किसी भी मालगाड़ी इंजन में असिस्टेंट की जगह लोको पायलट को ही डयूटी दी जानी चाहिए जो पर्याप्त अनुभव रखते हो. बताया जाता है कि टाटा स्टील यार्ड में कंपनी की ओर बढ़ रहा इंजन अचानक पावर डाउन होकर रोल्ड करने लगा. अचानक आयी इस स्थिति से सह चालक सुधीर कुमार घबरा गये और उनका नियंत्रण लोको से हट गया. वहीं आदित्यपुर इंड की ओर से मालगाड़ी के आगे बढ़ने के बाद प्वाइंट रिलीज कर दिया गया था. इस कारण रोल्ड होकर मालगाड़ी प्वाइंट पर धमके के साथ डिरेल्ड हो गयी. दुर्घटना में इंजन समेत चार वैगन पटरी से उतर गये थे.
दुर्घटना के बाद रेलवे प्रशासन की ओर आनन-फानन में टाटा स्टील यार्ड में दुर्घटना दिखाकर कंपनी से सहयेाग मांगा गया, लेकिन कंपनी की ओर सहयोग नहीं मिलने पर रेलवे ने अपने संसाधनों का उपयोग कर बेपटरी वैगन व इंजन को पटरी पर लाने का काम किया. इस तरह पूरा मामला आला अधिकारियों के संज्ञान में आ गया. इसके बाद आनन-फानन में कमेटी गठित कर जांच शुरू की गयी. इसमें तहत प्रारंभिक रूप से कारण बताते हुए सहचालक व चालक को निलंबित कर दिया गया है.
जेपीओ पर सवाल, डीआरएम-जीम गंभीर
आदित्यपुर यार्ड से टाटा स्टील के भीतर मालगाड़ी रैक को चलाने के लिए जेपीओ यानी ज्वाइंट प्रोसिड आर्डर का पालन किया जाता है. जेपीओ का प्रारुप सीनियर डीओपी और सीनियर डीओएम मिलकर तय करते है जो परिचालन व चालकों का हिस्सा होता है. चालकों का कहना है कि डीपीओ में ही संरक्षा को दरिकनार कर सहचालक से मालगाड़ी चलायी जाती है जो नियम के विरुद्ध कृत्य है, हालांकि इस पर आधिकारिक प्रतिक्रिया अब तक रेलवे की ओर से रेल न्यूज हंट को नहीं मिल सकी है, जिसका इंतजार किया जा रहा है. बताया जाता है कि सेफ्टी नियमों के उल्लंघन को लेकर रेलवे जीएम से लेकर डीआरएम तक गंभीर है रेलवे बोर्ड चेयरमैन भी इसे गंभीरता से ले रहे.
सहचालक-चालक मोबाइल पर कर रहे थे बात
अब तक जांच में जो बातें सामने आयी है उसके अनुसार मालगाड़ी पर तैनात आनडयूटी चालक की भूमिका में सह चालक सुधीर कुमार और पीछे बैकिंग इंजन में चालक एसपी कुमार मोबाइल पर बात कर रहे थे. दोनों के मोबाइल का कॉल डिटेल निकाला गया है जिसके आधार पर रेल प्रशासन जांच को आगे बढ़ा रहा है.
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