Connect with us

Hi, what are you looking for?

Rail Hunt

रेलवे न्यूज

SER : आरपीएफ की टीमों ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग में 270 बच्चों को किया है रेस्क्यू : असिस्टेंट कमांडेंट

SER : आरपीएफ की टीमों ने ह्यूमन ट्रैफिकिंग में 270 बच्चों को किया है रेस्क्यू : असिस्टेंट कमांडेंट
  • टाटानगर स्टेशन पर चाइल्ड ट्रैफिकिंग एवं मिशन वात्सल्य को लेकर कार्यशाला आयोजित
  • ट्रैफिकिंग के लिए रेल मार्ग को आसानी से उपयोग में लाने पर वक्ताओं ने जतायी चिंता 
  • झारखंड के अलग-अलग क्षेत्र से बच्चों की तस्करी का कारण अशिक्षा एवं गरीबी 

जमशेदपुर. दक्षिण पूर्व रेलवे के चार डिवीजन चक्रधरपुर, आद्रा, खड़गपुर व रांची में मानव तस्करी रोकने के लिए ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट का गठन किया गया है. इन यूनिट द्वारा अब तक 270 बच्चों को रेस्क्यू किया जा चुका है. इसमें 120 बच्चों को तो इस साल के छह माह में रेस्क्यू किया गया है. रविवार 26 जून को टाटानगर स्टेशन के कांफ्रेंस हॉल में चाइल्ड ट्रैफिकिंग (बाल तस्करी) एवं मिशन वात्सल्य को लेकर आयोजित कार्यशाला में आरपीएफ के असिस्टेंट कमांडेंट केसी नायक ने यह जानकारी दी.

जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से आयोजित इस कार्यशाला में असिस्टेंट कमांडेंअ केसी नायक ने बताया कि आरपीएफ की टीमें ट्रैफिकिंग को लेकर सजग रहती हैं. उन्होंने बताया कि अक्सर छोटे बच्चों को बरामद करने के बाद उन्हें रखने में दिक्कत आती हैं. हालांकि जमशेदपुर में चाईल्ड लाईन के सहयोग से उन्हें संभाला जाता है लेकिन सभी स्टेशनों में चाईल्ड लाईन की शाखा नहीं हैं. इस कारण अक्सर वहां समस्याओं का सामना करना पड़ता है इसलिए इसे बढ़ाने की जरूरत है.

कार्यशाला में सिविल कोर्ट, जमशेदपुर के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी प्रशांत सिंह ने कहा कि ट्रैफिकिंग के लिए अभी तस्कर रेल मार्ग को आसानी से उपयोग में ला रहे हैं. ऐसे में आरपीएफ जवानों की जवाबदेही बढ़ जाती हैं. उन्होंने आरपीएफ के अधिकारियों एवं जवानों को बच्चों के मामले में अधिक सख्ती व सक्रियता बरतने को कहा. कार्यशाला में प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी श्रीप्रिया ने कहा कि अशिक्षा एवं गरीबी का फायदा उठाकर झारखंड के अलग-अलग क्षेत्र से बच्चों की तस्करी हो रही है. इसे ध्यान में रखकर ही झारखंड लिगल सर्विसेज ऑथोरिटी ( झालसा ) ने बच्चों के पुनर्वास के लिए मिशन वात्सल्य शुरु किया है. इसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकार एक सेतू का काम करेगा. उन्होंने आरपीएफ के जवानों से ऐसे मामलों को डालसा के सचिव अथवा पीएलवी को सूचित करने को कहा.

कार्यशाला के अंत में आरपीएफ के अधिकारियों एवं जवानों ने न्यायिक दंडाधिकारियों से ट्रैफिकिंग को लेकर रेस्क्यू के दौरान होने वाली परेशानियों को साझा किया. इस मौके पर आरपीएफ के टाटा कमांडर एसके तिवारी, सब इंस्पेक्टर अंजुम निशा, ललित कुमार, पीएलवी सुनील पांडेय, अरूण रजक, नागेन्द्र कुमार, सदानंद महतो , सीमा कुमारी, सुनीता कुमारी समेत अधिकारी व जवान मौजूद थे.

Spread the love

ताजा खबरें

You May Also Like

रेलवे यूनियन

PRAYAGRAJ. उत्तर मध्य रेलवे कर्मचारी संघ (UMRKS) ने आगामी बजट के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री को कई बिंदुओं पर सुझाव दिया है. भारतीय मजदूर संघ...

मीडिया

Dead body of a girl found in a train. युवती की हत्या कर उसका शव दो हिस्सों में बांटकर अलग-अलग ट्रेन की बोगी में...

न्यूज हंट

GUNTAKAL. रेलवे में भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने दक्षिण मध्य रेलवे के गुंतकल मंडल के डीआरएम, सीनियर डीएफएम,...

न्यूज हंट

राहुल गांधी ने क्रू लॉबी के रनिंग रूम में बाहर से आये लोको पायलटों समेत सभी से की बात  : AILRSA गांधी के जाने...