Connect with us

Hi, what are you looking for?

Rail Hunt

न्यूज हंट

आम बजट के बीच खो गया है रेल बजट?

Deleting fears from the brain means you might never need face them

ब्रजेश मिश्र, दिल्ली

आम बजट के बीच खो गया है रेल बजट?

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को साल 2018-19 का बजट पेश किया. बजट में खेती और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार का ख़ास झुकाव दिखा लेकिन रेल के लिए बजट पर सरकार ने कोई बड़ी घोषणा नहीं की. मोदी सरकार के आने बाद रेल बजट को आम बजट के साथ मिला दिया गया. पहले रेल बजट अलग से पेश किया जाता था और पूरे देश की नज़रें, रेल किराये से लेकर नई ट्रेनों पर भी टिकी रहती थी. इस साल रेल बजट में वित्त मंत्री ने रेलवे के विस्तार के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए हैं.

”रेल बजट खोया नहीं समा गया है”

अपने भाषण में अरुण जेटली ने कहा, ”बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए सरकार वडोदरा में विशेष रेलवे युनिवर्सिटी खोलने की दिशा में क़दम बढ़ा रही है. इसके अलावा मुंबई रेल नेटवर्क के लिए 11,000 करोड़ रुपये और बेंगलुरु मेट्रो नेटवर्क के लिए 17,000 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा.” वित्तमंत्री ने यह भी कहा कि मुंबई लोकल के दायरे में विस्तार किया जाएगा. रेलवे बोर्ड के पूर्व चेयरमैन अरुणेंद्र कुमार ने बीबीसी से बातचीत में कहा कि रेल बजट खोया नहीं आम बजट में समा गया है.

उन्होंने कहा, ”इनफ्रास्ट्रक्चर सरकार की ओर से किया जा रहा है. रेल, रोड, हवाई सफ़र सब को मिलाकर इन्होंने बजट रखा है. हर चीज़ के लिए अलग से नहीं है. रेल बजट के डॉक्यूमेंट्स ध्यान से देखेंगे तो सबकुछ मिलेगा.” बजट भाषण में रेलवे की समस्याओं और आगे की योजनाओं का ज़िक्र न होने के बारे में वो कहते हैं, ”समस्याओं को लेकर रेलवे काम कर रहा है और बेशक उनका ज़िक्र बजट में होगा. बजट भाषण में इनका ज़िक्र न होने का मतलब ये नहीं है कि रेलवे के लिए पैसे कम दिये गए या फिर इसे नज़रअंदाज़ किया जा रहा है.”

बता दें कि मोदी सरकार ने बीते साल आम बजट और रेलवे बजट को एक साथ मिला दिया. इसके पहले तक रेल बजट के लिए पूरा दिन दिया जाता था. इस दौरान रेलवे के विकास, आगे की योजनाओं और यात्री सुविधाओं की भी घोषणा की जाती थी. हालांकि इस साल पूरे बजट भाषण में रेल बजट को थोड़े से शब्दों में पूरा कर दिया गया.

वहीं पूर्व रेलमंत्री दिनेश त्रिवेदी ने बीबीसी से कहा, ”इतनी बड़ी रेल को एक लाइन में निपटा दिया. ये बजट गरीबों के लिए चंदा मामा की कहानियों से अधिक कुछ नहीं है. आप कहते हैं कि चांद पर जाएंगे लेकिन वहां तक जाने के लिए आपके पास वाहन कहां है? रेलवे की छोड़िये, जो ये किसान और ग़रीब की बात करते हैं वो भी हकीकत से दूर है.”

उन्होंने आगे कहा, ”रेलवे ख़त्म हो चुका है, दिवालिया हो चुका है. इस बार उन्होंने रेलवे के लिए 15 हज़ार करोड़ कम दिए. रेलवे की अहमियत अब रही नहीं. पहले रेलवे बजट की बात होती थी तो हर सांसद खड़ा हो जाता था, अब ये हो नहीं रहा. किसी के हाथ में कुछ नहीं है.” रेलवे की समस्याओं और सुविधाओं को लेकर वो कहते हैं, ”रेलवे की पूरी जो आधारशिला है वो चरमरा गई है. सरकार का जो रवैया है इससे लोगों ने मान लिया है कि रेलवे अब उनकी ज़िंदगी से निकल गया है. वो अब सिर्फ लोगों को बुलेट ट्रेन के सपने दिखा रहे हैं. सरकार के पास कोई रोडमैप नहीं है, ये सरकार रेल को समझ ही नहीं पाई.”

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने ग़रीब और किसान को लुभाने की कोशिश करके एक तरह से अपना चुनावी घोषणा पत्र रखा है. वो कहते हैं, ”’इस बजट का ग़रीबों से कोई लेना-देना नहीं है. ये सिर्फ अमीरों का बजट है.”

साभार बीबीसी 

Spread the love
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

ताजा खबरें

You May Also Like

रेलवे यूनियन

Unified Pension Scheme (UPS) के विरोध में UMRKS के नेताओं ने आवाज बुलंद की बुलंद, निशाने पर फेडरेशन PRAYAGRAJ. Unified Pension Scheme (UPS) के...

रेलवे यूनियन

पश्चिम मध्य रेलवे कर्मचारी परिषद ने सीआरबी को थमायी समस्याओं की सूची, लाइन बॉक्स सुविधा जारी रखने का अनुरोध BHOPAL. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन...

Breaking

Patna. चालक की सूझबूझ से बिहार में बड़ा रेल हादसा टल गया. दरअसल कटिहार-मालदा रेलखंड पर आदिना और एकलखी स्टेशन के बीच अप लाइन...

Breaking

There is an urgent requirement for additional manpower to maintain the railways’ ever-increasing assets and safe train operations, Board Chairman Satish Kumar has said,...