- C&W से SSE जारी करते थे कंपनी को रिजेक्शन लेटर, EM पैड को स्क्रैप में बेच देता था बिचौलिया असद
- टाटानगर-आदित्यपुर के अलावा बंडामुंंडा C & W कार्यालय से भी जुड़े EM पैड को स्क्रैप में बेचने के तार
- कंपनी से आपूर्ति माल का रिजेक्शन दिखाकर की जा रही हेराफेरी!, कई लोगों के शामिल होने की आशंका
TATANAGAR. दक्षिण पूर्व रेलवे के टाटानगर में रेलवे वैगन की फिटिंग्स को रिजेक्ट करार देकर स्क्रैप में बेचने के धंधे का भंडाफोड आदित्यपुर RPF की टीम ने किया है. मानगो के एनएच 33 पर मुखियाडांगा में सोमवार की दोपहर अनिल शर्मा के स्क्रैप टाल में की गयी छापेमारी में 510 से अधिक EM पैड बरामद किये गये है जो लगभग 3 टन के करीब हैं. यह मालगाड़ी वैगन में फिट होने वाला पैड है जिसे रिजेक्ट बताकर कंपनी को वापस भेजने के नाम पर सुनियोजित रूप से स्क्रैप टाल तक पहुंचा दिया जा रहा था.

आरपीएफ की गिरफ्तार में स्क्रैप टाल संचालक, इंस्पेक्टर एके सिंह व अन्य
आदित्यपुर आरपीएफ प्रभारी एके सिंह की अगुवाई में की गयी छापेमारी में पूरी तस्वीर साफ होने के बाद सोमवार की शाम ही टाटानगर कैरेज एंड वैगन (C&W) के सीनियर सेक्शन इंजीनियर अजीतेश कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. इससे पहले RPF की टीम स्क्रैप टाल संचालक अनिल शर्मा उर्फ माेनू शर्मा की गिरफ्तार कर चुकी थी. इस मामले में कंपनी प्रतिनिधि बनकर रेलवे इंजीनियर और स्क्रैप टाल संचालक के बीच बिचौलियों की भूमिका निभाने वाला असद अंसारी अभी फरार है जिसकी तलाश RPF की टीम कर रही है. प्रारंभिक जांच में जो बाते सामने आयी है उसके अनुसार यह कार्य पिछले कई माह से चल रहा था. अब आरपीएफ की टीम आपूर्ति और रिजेक्शन का मिलान कर दस्तावेजों की पड़ताल करते हुए जांच को आगे बढ़ा रही है.
कंपनी के नाम रिजेक्शन लेटर जारी कर स्क्रैप में बेचा जाता था पैड
आदित्यपुर आरपीएफ की इस कार्रवाई में सीआईबी ने भी सक्रिय भूमिका निभायी है. ऐसा बताया जा रहा है कि जब मिली सूचना पर आरपीएफ की टीम मुखियाडांगा में अनिल शर्मा के टाल तक पहुंची तो बड़ी मात्रा में रेलवे वैगन में प्रयोग में आने वाले EM पैड मिले. यह माल लगभग 3 टन था. स्कैप टाल संचालन ने माल की खरीद के एवज में रेलवे द्वारा जारी कागजात दिखाये. जांच में यह पता चला कि असद अंसारी नाम के बिचौलिया ने यह माल अनिल शर्मा को रेलवे का स्क्रैप खरीदार बनकर बेचा है.
शक होने पर आरपीएफ ने जब जांच शुरू तो पाया कि कागजात EM पैड को रिजेक्ट बताकर कोलकाता की SRM कंपनी को वापस करने के लिए सीनियर सेक्शन इंजीनियर ने जारी किया था. इस कंपनी का प्रतिनिधि बताने वाले असद ने माल को टाटानगर कैरेज एंड वैगन विभाग से उठाकर स्क्रैप में बेच दिया है. यह काम सीनियर सेक्शन इंजीनियर और तथाकथित कंपनी प्रतिनिधि की मिलीभगत से चल रहा था. अब आरपीएफ की टीम इस बात की जांच कर रही है कि यह काम कब से चल रहा था? इसमें अन्य कौन-कौन लोग शामिल थे ?
रिजेक्शन के नाम पर बंडामुंडा में भी बेचा गया EM पैड
आरपीएफ की जांच में कुछ दस्तावेज सामने आये है जिसमें असद अंसारी ने ही दूसरी कंपनी का प्रतिनिधि बनकर रिजेक्शन के नाम पर जुलाई 2025 में EM पैड को अपनी जिम्मेदारी में लिया था. अब इस बात की जांच की जा रही है कि रिजेक्ट बताकर कंपनी को भेजा गया यह माल भी कंपनी तक पहुंचा अथवा उसे भी स्क्रैप बजार में खपा दिया गया है. बंडामुडा कैरेज एंड वैगन (C&W) में EM पैड की आपूर्ति हरियाणा की कंपनी विजय पॉलीमार करती है. इसका प्रतिनिधि भी असद अंसारी ही है, जिसकी तलाश आदित्यपुर आरपीएफ कर रही है. प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आयी है कि कैरेज एंड वैगन (C&W) में ऐसे कई पार्ट्स को रिजेक्शन व नयी आपूर्ति के नाम पर रेलवे के लाखों का बंदरबांट किया गया है, इसके लिए बड़े स्तर पर जांच की जरूरत बतायी जा रही है.











































































