- एसएनटी यूनियन के सुरक्षा और संरक्षण अभियान ने पूरा किया निर्णायक पड़ाव, संरक्षा मार्गदर्शक पुस्तिका का अनावरण
नई दिल्ली. सिग्नल एंड टेलीकम्युनिकेशन विभाग के लगभग 35 कर्मचारियों की मौत ढ़ाई साल के दौरान ऑन डयूटी रन ओवर या अन्य कारणों से हो चुकी है. यह मामला ऑल इंडिया रेलवे सिग्नल एंड टेलीकम्युनिकेशन मेंटेनर्स यूनियन ने बीते दिनों रेल मंत्री पियूष गोयल से मुलाकात में उठाया. यूनियन की मांग पर तत्काल पहल करते हुए रेलमंत्री ने ऐसी मौतों को लेकर सभी जीएम से रिपोर्ट मांगी है. यूनियन के अनुसार कार्य के दौरान रनओवर व अन्य कारणों से हो रही मौतों की संख्या से यह साफ है कि कर्मचारी मानसिक दबाव में है.
अभियान के दौरान 25 नवंबर को दिल्ली में मेंटेनर यूनियन की राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी भी रामलीला मैदान में पुरानी पेंशन स्कीम बहाली को लेकर आयोजित आंदोलन का हिस्सा बने. इसी क्रम में 27 नवंबर को रेलमंत्री पीयूष गोयल से मिलकर यूनियन ने अपनी बात रखी. की ओर से रेलमंत्री को बताया गया की मात्र ढाई साल में ही सिग्नल व कम्युनिेकेशन के 35 कर्मियों की मौत रनओवर या अन्य दुर्घटनाओं में हो चुकी है. कार्य के दबाव में कर्मचारी आत्महत्या तक कर चुके हैं. इसे गंभीरता से लेते हुए रेलमंत्री ने सभी जोनों से तीन साल में मरने वाले सिगनल एंड टेक्निकल कर्मचारियों की सूची मंगायी है.
30 नवंबर को यात्रा के अंतिम पड़ाव में धनबाद मंडल के गोमो स्टेशन पर यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन कुमार का साथियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया. अभियान को सफल बनाने में अध्यक्ष नवीन कुमार के साथ महासचिव आलोक चंद्र प्रकाश, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महबूब संधि, सीडब्ल्यूसी सदस्य कल्पेश पर्वतीय, रेवती रमण, राघवेंद्र नारायण, सुरेश गोहिल आदि का सक्रिय योगदान रहा.
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