देश-दुनिया

उत्तर रेलवे : मालगाड़ी की चपेट में आकर हुई मौत को दुर्घटना नहीं मानता रेल प्रशासन

  • कोरोना काल में ड्यूटी कर रहे सिग्नल कर्मचारी की मौत पर संवेदनहीन हुआ रेल प्रशासन, रेलकर्मियों में आक्रोश
  • इंडियन रेलवे एस एडं टी मैंटेनरर्स यूनियन ने जतायी निराशा, कहा-कर्मचारी के परिजनों को मिलेगा न्याय 

रेलहंट ब्यूरो, नई दिल्ली

कोरोना के संक्रमण काल में रेलवे के कर्मचारी लगातार जान जोखिम में डालकर ड्यूटी निभा रहे है. ऐसे में कई रेलकर्मी संक्रमण की चपेट में आ चुके है तो सैकड़ों ने लगातार जोखिम के बीच अपना कार्य जारी रखा है. ऐसे में सिग्नल विभाग के एक कर्मचारी की दुर्घटना में हुई मौत को उत्तर रेलवे दिल्ली मंडल के कार्मिक अधिकारी ने प्राकृतिक मृत्यु बताकर संवेदनहीनता की हद ही पार कर दी है. कार्मिक अधिकारी की टिप्पणी से एसएंडटी विभाग के कर्मचारियों में गहरी निराशा और आक्रोश के भाव हैं. घटना 07 मई की बतायी जा रही है. लाला राम दिल्ली मंडल के फरीदाबाद न्यू टाउन स्टेशन पर सिगनल विभाग में सहायक थे. वह नाईट ड्यूटी कर घर लौट रहे थे. सुबह 8:30 बजे पलवल यार्ड में वह किसी मालगाड़ी की चपेट में आकर गंभीर रूप से जख्मी हो गये. उन्हें पलवल के अपेम्स अस्पताल ले जाया गया जहां से डॉक्टरों ने एशियन अस्पताल, फरीदाबाद रेफर कर दिया. एशियन अस्पताल जाने के क्रम में ही उनकी मौत हो गयी. सहकर्मियों ने इसकी सूचना तत्काल सेक्शन इंजीनियर को दी. इसके बाद उत्तर रेलवे फरीदाबाद के सीनियर सेक्शन इंजीनियर सिग्नल ने मंडल कार्मिक अधिकारी को घटनाक्रम से अवगत कराते हुए विधिवत कार्रवाई सुनिश्चित कराने का अनुरोध किया.

इंडियन रेलवे एस एडं टी मैंटेनरर्स यूनियन ने आरोप लगाया है कि दिल्ली मंडल का कार्मिक विभाग कोरोना काल में भी अपनी सेवाएं दे रहे हैं रेल कर्मचारियों की सुध नहीं ले रहा. कार्मिक विभाग ने आकस्मिक दुर्घटना में रेलकर्मी की हुई मौत को भी प्राकृतिक मौत बता दिया है. यह अपने आप में गंभीर और हस्यास्पद मामला है. यूनियन के राष्ट्रीय सहसचिव रेवती रमण ने रेल प्रशासन के समक्ष इस मुद्दे को रखा और वरीय कार्मिक अधिकारियों से भी बात की. हालांकि अब तक रेलकर्मी के परिजनों को आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला है. प्रशासन के इस रवैये से संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों में असंतोष है. यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव आलोक चन्द्र प्रकाश ने सिग्नल कर्मचारियों के प्रति रेल प्रशासन असंवेदनशीलता की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने दिल्ली मंडल के कार्मिक विभाग की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा कि रेलकर्मी के परिजनों को न्याय मिलना चाहिए. वहीं यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नवीन कुमार ने कहा कर्मचारी के परिवार को न्याय दिलाने के लिए इंडियन रेलवे एसएडंटी मैंटेनरर्स यूनियन ऐड़ी चोटी का जोर लगा देगी.

वर्कमैन स्पेशल के टाइम टेबल पर उठे सवाल

दिल्ली मंडल में रेल कर्मचारियों के लिए वर्कमैन स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं परन्तु नाईट ड्यूटी तो सुबह 6 बजे ही खत्म हो जाती है. वर्कमैन स्पेशल पलवल से सुबह 7 बजे चलती है जो सुबह 8:10 को तुगलकाबाद पहुंचती है और वही फिर वापस सुबह 8:45 बजे तुगलकाबाद से चलकर सुबह 9:50 पर वापस पलवल पहुंचती है. ऐसे में नाईट ड्यूटी कर छूट चुके रेलकर्मी किसी ना किसी मालगाड़ी से घर लौटने को मजबूर होते हैं क्योंकि नाईट ड्यूटी के बाद दो या तीन घंटे वर्कमैन स्पेशल की प्रतीक्षा करना लगभग नामुमकीन होता है. रेलकर्मियों का कहना है कि आखिर फिर ये वर्कमैन स्पेशल किन कर्मचारियों के लिए चलाई जा रही जबकि खुद ऐसे रेल कर्मचारियों जो कि रात्रि में अपनी सेवाएं दे रहे हैं उन्हें भी इसका फायदा नहीं मिल रहा.

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