- सोनिया ने सरकार को दिखाया आईना, कहा – सार्वजनिक उद्योगों का उद्देश्य लोक-कल्याण है, निजी पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना नहीं
- पीयूष गोयल का पलटवार, बोले – 2014 तक रायबरेली कारखान में उत्पादन तक नहीं हुआ, पिछले साल ही कोच उत्पादन शुरू कराया
रेलहंट ब्यूरो, नई दिल्ली
हालांकि सोनिया के बयान से बिलबिलाये रेलमंत्री पीयूष गोयल ने एक दिन बार ही लोकसभा में उनके सवाला का जबाव दिया. अपनी सरकार की उपलब्धियों का गुणगान करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के निजीकरण को लेकर कांग्रेस का दोहरा चरित्र सामने आया है. उन्होंने बताया कि 2014 तक रायबरेली के रेल कोच फैक्ट्री में किसी तरह का कोई काम नहीं हुआ था, महज कोच फैक्ट्री का निर्माण और पेंटिग का काम हो सका था. पिछले साल से वहां पर कोच उत्पादन शुरू हुआ, आज उस कारखाने में करीब 1400 रेल कोच का निर्माण हो चुका है. इससे स्थानीय लोगों को काफी रोजगार मिला है. गोयल ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि जिसने दिल्ली-मुंबई हवाई अड्डों के निजीकरण की कोशिश की. 2004 से निजीकरण किए जा रहे हैं. कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए सरकार के 2004-05 के बजट में बकायदा उनकी नीति रही.
सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों का बुनियादी उद्देश्य ही लोक-कल्याण है, निजी पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना नहीं.’ प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने सार्वजनिक क्षेत्रों के उद्योगों को आधुनिक भारत का मंदिर कहा था. परंतु आज ज्यादातर मंदिर खतरे में हैं.
सोनिया गांधी, यूपीए चेयरपर्सन
सोनिया के बयान में दूसरे ही दिन लोकसभा में रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कांग्रेस पर पलटवार तो किया पर अपनी रणनीति को लेकर कोई स्पष्टीकरण और अपनायी जाने वाली प्रक्रिया का खुलासा करने से बचते रहे. बदले में रेलमंत्री ने सिर्फ सरकार की उपलब्धियों गिरायी. निकट भविष्य में आकांक्षी जिलों के सभी रेलवे स्टेशनों के पुनरुद्धार के प्रस्ताव पर रेल मंत्री ने कहा कि 115 आकांक्षी जिलों में से अब तक 87 को भारतीय रेलवे के नेटवर्क से जोड़ दिया गया है. नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ‘आकांक्षी जिलों के बदलाव’ की योजना शुरू की थी जिनका मकसद देश के इन विशेष रूप से चिह्नित पिछड़े जिलों में विकास परियोजनाओं को प्रभावी और त्वरित तरीके से लागू करना था. गोयल ने एक अन्य पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि आदर्श स्टेशन योजना के तहत करीब 1253 रेलवे स्टेशनों को अब तक उन्नयन के लिए चिह्नित किया गया है. उनके अनुसार इनमें से 1103 स्टेशनों को विकसित किया जा चुका है और बाकी के 150 का उन्नयन 2019-20 तक पूरा करना है.
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