- नई दिल्ली में आइसमा की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दिन ही रेलवे बोर्ड ने जारी किया सर्कुलर
- स्टेशनों मास्टरों ने निर्णय का किया स्वागत, मांगों के समर्थन में समन्वय बनाकर काम करने का आह्वान
रेलहंट ब्यूरो, नई दिल्ली
स्टेशन मास्टरों के सहायक परिचालन प्रबंधक बनने के साथ ही राजपत्रित बनने का भी रास्ता साफ हो गया है. ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन के केंद्रीय कार्यकारिणी की नई दिल्ली में आयोजित बैठक के दौरान ही रेलवे बोर्ड ने स्टेशन मास्टर को एमएसीपी के तहत 5400 वेतनमान को मंजूरी दे दी. स्टेशन मास्टर को यह बढ़ा हुआ वेतनमान वर्ष 2018 से मिलेगा. बोर्ड के इस आदेश का देश के 40 हजार स्टेशन मास्टरों में ने जहां खुशी का इजहार किया है, वहीं स्टेशन मास्टर एसोसिएशन ने इस उपलब्धि को मील का पत्थर बताया.
रेलवे बोर्ड से स्टेशन मास्टरों को उच्च वेतनमान देने के लिए जारी निर्देश में यह स्पष्ट किया गया है कि रेलवे की दोनों मान्यता प्राप्त फेडरेशनों ने ही इसके लिए पहल की थी. रेलवे बोर्ड के पत्र में इन मांगों पर अब तक आंदोलित ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन की पहल का जिक्र तक नहीं किया गया है.
नई दिल्ली मीटिंग में शामिल होने पहुंचे ऑल इंडिया स्टेशन मास्टर एसोसिएशन के चक्रधरपुर मंडल सचिव अविनाश कुमार ने बताया कि सातवें वेतनमान के बाद स्टेशन मास्टर को 4200 ग्रेड पे में 10 वर्ष पूर्ण होने पर 4600 वेतनमान, 20 वर्ष पूर्ण होने पर 4800 और 30 वर्ष पूर्ण होने पर 5400 वेतनमान मिलना था. स्टेशन मास्टर को 4800 का वेतनमान तो मिल रहा था लेकिन 30 वर्ष पूर्ण होने के बाद उन्हें 5400 वेतनमान नहीं मिल पा रहा था. रेलवे बोर्ड की स्वीकृति के बाद बुधवार को रेलवे बोर्ड की उप निदेशक पे कमीशन सुधा ए. कुजर ने इसका आदेश जारी कर दिया है. एमएसीपी 5400 वेतनमान का लाभ वर्ष 2018 को 30 साल की नौकरी पूरी कर चुके और सेवानिवृत्त हो चुके सभी कर्मियों को मिलेगा. एमएसीपी (संशोधित सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन) के तहत 10, 20 और 30 वर्ष की सेवा के बाद अब स्टेशन मास्टरों को प्रोन्नत कर 5400 का वेतनमान भी मिलेगा.
1986 में स्टेशन मास्टरों के बेहतर पे स्केल दिलाने की मांग पर नई दिल्ली में भूख हड़ताल पर बैठने वाले स्टेशन मास्टर पी सीवन पिल्लई को आंदोलनों के कारण तीन बार नौकरी से निकाला गया था. उनकी पुण्यतिथि पर हर साल 25 फरवरी को उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है. पी सीवन पिल्लई की यह लाइनें जो उन्होंने उस भूख हड़ताल के दौरान कहीं थी हमेशा अविस्वरणीय रहेंगी.
“If I die, my family alone will suffer but, if I fear to die, 32000 families of station master will suffer.”
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