- 1997 में आज के ही दिन देश भर के हर सिग्नल पर दो मिनट ट्रेनों को रोककर जताया था अपनी शक्ति का अहसास
- देश भर के मंडल व स्टेशनों पर काली पट्टी लगाकर स्टेशन मास्टरों से सरकार की नीतियों का जताया विरोध
रेलहंट ब्यूरो, नई दिल्ली
आल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन (आइसमा) की केंद्रीय कार्यकारणी के आह्वान पर 11 अगस्त को देश भर में रेलवे के विभिन्न मंडलों के 39000 हजार स्टेशन मास्टरों ने शक्ति दिवस “पावर डे” के रूप में मनाया. अपनी विभिन्न मांगों को लेकर स्टेशन मास्टर्स ने शांति पूर्ण रूप से काली पट्टी लगाकर विरोध दर्ज कराया और मंडल रेल प्रबंधक के माध्यम से रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष विनोद कुमार यादव को अपनी मांगों का पत्र भेजा. स्टेशन मास्टरों की मांगों में रेलवे का निजीकरण-निगमीकरण तत्काल रोकना, स्टेशन मास्टर्स एवम इनके फील्ड स्टाफ को कोविड-19 से सुरक्षा हेतु 50 लाख का बीमा कवर देना, अमानवीय रूप से संचालित ईआई रोस्टर को खत्म करना, रेलगाड़ियों का परिचालन निजी हाथों में देने से रोकना, रेलवे के शेयर आईआरसीटीसी, कॉनकॉर का निजीकरण नहीं करना और श्रम विरोधी सुधार कानूनों को वापस लिया जाना शामिल है.
स्टेशन मास्टरों के लिए 11 अगस्त का दिन एतिहासिक है जबकि उनकी हड़ताल से रेलवे की नींव हिल गयी थी. 1997 के आंदोलन के बाद के दिनों में रेलवे के दो फेडरेशनों की भूमिका से अंतुष्ट स्टेशन मास्टरों ने अपना संगठन आल इंडिया स्टेशन मास्टर्स एसोसिएशन (आइसमा) का गठन किया और अब उसके नेतृत्व में रेल प्रबंधन के समक्ष अपनी मांगों को रखते आ रहे हैं. आइसमा के आह्वान पर कोरोना के संक्रमण के बीच स्टेशन मास्टरों ने काली पट्टी बांधकर अपना-अपना विरोध दर्ज कराया.
झांसी मंडल में 550 स्टेशन मास्टर्स सोशल मीडिया व्हाट्स ऐप, फेसबुक, ट्विटर पर अपनी मांगों के समर्थन में आंदोलन चला रहे हैं. यह 13 अगस्त तक चलेगा. इसके अलावा प्रधानमंत्री, रेलमंत्री, चैयरमेन बोर्ड, मेंबर ट्रैफिक, मेंबर स्टाफ, जोनल महाप्रबंधकों को डाक से भी पत्र भेजा जायेगा. मास्टर्स द्वारा आज के दिन इस आंदोलन एस्मा पावर डे को एक साथ मनाया जा रहा है.
आइसका के पूर्व एसजी एम रमणी ने अपने संदेश में कहा कि दुःख सिर्फ एक और दिन नहीं है. 11 के अगस्त दिन को अपनी ताकत के रूप में स्थापित करने वाले दिन को याद रखना जरूरी है. आज 23 साल बाद महामारी की स्थिति में भी एकता और विश्वास की भावना हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
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