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लॉकडाउन पीरियड का लाइसेंस शुल्क नहीं वसूल करेगी रेलवे, स्टॉल-पार्किंग संचालकों को राहत

  • रेलवे ठेकेदारों को भी टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के लिए मिलेगा 90 दिन का समय 

नई दिल्ली.  रेलवे बोर्ड ने टेंडर आधारित सेवाओं से जुड़े तमाम सुविधाओं को संचालित करने वालों को लाइसेंस फीस में छूट की राहत देने का निर्देश जोनल रेलवे को दिया है. लॉकडाउन अवधि में ट्रेनों के बंद रहने और स्टेशन परिसर क्षेत्र में व्यवसायिक गतिविधियां बंद रहने से तमाम स्टॉल, पार्किंग, एसटीडी-पीसीओ, एएटीएम, प्लास्टिक क्रशर मशीन समेत अन्य सेवाएं ठप रही. इससे व्यावसायिक ठेकेदारों को नुकसान हुआ है. अब रेलवे इन ठेकेदारों से 25 मार्च से लेकर 22 जून तक की लाइसेंस फीस नहीं वसूलेगा.

लॉकडाउन के चलते 22 मार्च से ट्रेनों का संचालन बंद है. इस दौरान स्टेशन पर पार्किंग, भुगतान आधारित शौचालय, एसटीडी-पीसीओ, एटीएम और प्लास्टिक बोतल क्रशिंग मशीन चलाने वालों का काम भी बंद है. रेलवे स्टॉल एसोसिएशन की ओर से रेलमंत्री पीयूष गोयल को पत्र लिखकर लाइसेंस फीस पर रियायत की मांग की गयी थी. बाद में बोर्ड स्तर पर ऐसे ठेकेदारों को 25 मार्च से लेकर 22 जून तक की लाइसेंस फीस में छूट देने का निर्णय लिया गया जिनकी सेवा लॉकडाउन के दौरान बंद रही.

रेलवे बोर्ड के संयुक्त निदेशक ने सभी रेल मंडलों के अधिकारियों को पत्र लिखकर लाइसेंस फीस नहीं वसूलने के निर्देश दिए हैं. इसके लिए सभी जोनल रेलवे को निर्देश भी दिया जा चुका है कि वह अपने स्तर पर लॉकडाउन पीरियड की गणना करके लाइसेंस फीस में रियायत देने का मसौदा तैयार करें. विभिन्न स्टेशनों पर स्टॉल संचालकों को रेलवेे की ओर से यह भी विकल्प दिया जा रहा है कि वह वर्तमान स्थिति में जब ट्रेनें कम चल रही है स्टॉल का संचालन करने को इच्छुक है अथवा नहीं.

वर्तमान में सिर्फ स्पेशल ट्रेनों का परिचालन हो रहा है. ऐसे में बड़े स्टेशनों पर ही ट्रेनों का ठहराव है और बड़ी संख्या में यात्री अभी बाहर के भोजन से परहेज कर रहे. इसके अलावा एक स्टेशन के किसी एक प्लेटफॉर्म से ही चुनिंदा ट्रेनों की आवाजाही हो रही है. ऐसे में दूसरे प्लेटफॉर्म पर स्टॉल का संचालन करने से भी ठेकेदारों को खासा नुकसान उठाना पड़ेगा. ऐसे में कई ठेकेदारों ने अभी अपने स्टॉल नहीं खोलने को लेकर रेलवे से अनुरोध किया है ताकि वह लाइसेंस फीस में राहत ले सके.

इसके अलावा रेलवे बोर्ड और फाइनेंस मंत्रालय के पत्र के आलोक में रेलवे व केंद्रीय संगठनों से जुड़े तमाम ठेकेदारों को टेंडर से संबंधित गतिविधियों को संपादित करने के लिए अनिवार्य रूप से अतिरिक्त समय देने की बात कही गयी है. इसके लिए लॉकडाउन अवधि से न्यूनतम 60 दिन और अधिकतम 90 दिन की समय सीमा तय की गयी है. इस अवधि में टेंडर के लिए जरूरी प्रक्रिया पूरी नहीं करने वाले ठेकेदारों को समय अवधि में राहत मिलेगी और उनका टेंडर कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाने के लिए रद्द नहीं किया जायेगा.

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