देश-दुनिया

रेलवे मैकेनिकल एवं इलेक्ट्रिकल की जिच में प्रभावित हो रहा काम, मैनपावर प्लानिंग करेगी समिति

नई दिल्ली. रेलवे के मैकेनिकल एवं इलेक्ट्रिकल विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की जिच में डीजल मेंटेनेंस एवं ऑपरेशन तथा ईएमयू, मेमू, ट्रेन लाइटिंग, एसी मेंटीनेंस आदि का कार्य प्रभावित हो रहा है. काम को लेकर दोनों विभागों की खींचतान का खामियाजा यात्रियों को उठाना पड़ा रहा है. यही नहीं कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक में इसे लेकर असंतोष उत्पन्न हो रहा है. कई जोन के जीएम की अनुशंसा पर आखिरकार रेलवे बोर्ड ने दोनों विभागों के मैनपावर प्लानिंग को लेकर पुनरीक्षण समिति का गठन कर दिया है.

रेलवे बोर्ड ने इसे लेकर पत्र सं. ईआरबी-1/2019/23/15 जारी किया है. इसमें चार सदस्यीय कमेटी गठित की गयी है जिसमें रेलवे बोर्ड एडीशनल मेंबर्स शामिल है. यह कमेटी दोनों विभागों में दैनिक कामकाज में आ रही परेशानियों की जांच करेगी और उनके निराकरण के साथ कार्यों का पुनर्वितरण, दोनों विभागों के स्टाफ एवं ऑफिसर्स का कैडर कंट्रोल/मैनपावर मैनेजमेंट इत्यादि का परीक्षण/पुनरीक्षण कर सुझाव रेलवे बोर्ड को देगी. समिति में एडीशनल मेंबर/प्लानिंग पीयूष अग्रवाल (कन्वेनर) है जबकि एडीशनल मेंबर/मैकेनिकल इंजीनियरिंग (मेंबर), एडीशनल मेंबर/इलेक्ट्रिकल (मेंबर) और एडीशनल मेंबर/स्टाफ (मेंबर) को शामिल किया गया है. एएम/प्लानिंग पीयूष अग्रवाल ने शुक्रवार, 22 मार्च को एक पत्र जारी करके उक्त सभी कमेटी मेंबर्स से उपरोक्त विषय पर अपने सुझाव शुक्रवार, 29 मार्च तक देने को कहा है.

इससे पूर्व विवेक देबरॉय कमेटी की सिफारिश पर रेलवे बोर्ड ने 23 मार्च 2018 को नोटिफिकेशन जारी मैकेनिकल डिपार्टमेंट के डीजल मेंटीनेंस एवं ऑपरेशन से संबंधित स्टाफ एवं ऑफिसर्स को इलेक्ट्रिकल के मातहत तथा ईएमयू, मेमू, ट्रेन लाइटिंग, एसी मेंटीनेंस इत्यादि से संबंधित स्टाफ एवं ऑफिसर्स को मैकेनिकल के मातहत कर दिया था. बाद में इस व्यवस्था में एक मई 2018 को जारी नोटिफिकेशन में कुछ सुधार किया गया.

रेलवे के मैकेनिकल एवं इलेक्ट्रिकल विभाग में कार्य को लेकर उत्पनन जिच में कार्य काई प्रभावित हो रहे हैं. पिछले एक सप्ताह में ही लगभग 10-12 आग लगने की घटनाएं हो चुकी हैं. कपलिंग टूटने की घटनाओं से सेफ्टी पर सवाल उठ रहे है. खिड़की जाम होना, पर्दों की पाइप गायब होना, सीटें गंदी होना, खटमल, कोचों में चूहे व मच्छर-मक्खियां के अलावा डेली रखरखाव से जुड़े लाखों की कीमत वाले बायो-टॉयलेट में गंदगी और दुर्गन्ध से कोच में यात्री परेशाने होते है. ऐसे दर्जनों शिकायतें हर माह रेलवे बोर्ड के पास आ रही है.

अब आते है रखरखाव व्यवस्था पर. अगल-अलग कारण गिनाये जाने के बावजूद एलएचबी कोचों की कपलिंग टूटने की घटनाएं कम नहीं हो सकी है. सीधे तौर पर जोनल जीएम, डीआरएम की रेल परिचालन में कोई भूमिका नहीं है, लेकिन जमीनी तौर पर बरती जाने वाली कोताही से रेलवे की छवि धूमित होती है. यह सब मैकेनिकल एवं इलेक्ट्रिकल विभागों के बीच जिच का ही नतीजा है. रेलवे बोर्ड ने इस जिच के निदान के लिए उच्च स्तरीय कमेटी का तो गठन कर दिया है लेकिन समस्या के निराकरण के दिशा में उठाये जाने वाले कदम ही इसका भविष्य निर्धारत कर सकेंगे.

Spread the love
Click to comment

You May Also Like

न्यूज हंट

रुटीन तबादलों का रास्ता हुआ साफ, डीजी/आरपीएफ ने जवान से लेकर एएससी तक का रखा ध्यान    Transfer System Changed In RPF. देश भर में...

रेलवे यूनियन

आश्वासन पर मिला आश्वासन लेकिन नहीं बनाया गया नाईट में फेल्योर रेक्टिफिकेशन गैंग रिस्क एवं हार्डशिप अलाउंस, रोस्टर ड्यूटी निर्धारित करने की IRSTMU ने...

न्यूज हंट

देश भर में सिग्नल एवं टेलिकॉम कर्मचारियों ने रखा मौन रहकर किया काम  रिस्क एवं हार्डशिप अलाउंस के लिए 2019 में ही गठित की...

न्यूज हंट

LUCKNOW. Northern Railways के लखनऊ स्टेशन पर गाड़ी संख्या 12356(अर्चना एक्स) से आरपीएफ की टीम ने 4 अवैध वेंडरों को पकड़ा है.  उनके पास से...

Rail Hunt is a popular online news portal and on-going source for technical and digital content for its influential audience around the Country. Dr. Anil Kumar, Mannaging Editor, Contact with whatsapp 9905460502, mail at editor.railhunt@gmail.com, railnewshunt@gmail.com.

Exit mobile version