- इंडियन रेलवे एस एडं टी मैन्टेनर्स यूनियन के राष्ट्रीय संरक्षा वीडिओ कान्फ्रेंस में सुरक्षा बिंदुओं पर चर्चा
- आर्टिफिशल इंटेलिजेंस से आधुनिक बन रही रेलवे, ऑटोमेटिक चलेंगी ट्रेनें, चालक सिर्फ करेंगे िनगरानी
- मेकेनिकल इंटरलॉकिंग का स्थान बहुत जल्द इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग ले लेंगी : राजीव शर्मा
नई दिल्ली. इंडियन रेलवे एस एडं टी मैन्टेनर्स यूनियन (IRSTMU) के ऑनलाइन नेशनल सेफ्टी कॉन्फ्रेंस में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित AM (Signal & Tele) राजीव शर्मा ने देश के सभी जोनों तथा मंडलों के 602 कर्मचारियों को सीधे संबोधित किया. लगभग एक घंटे तक अपने संबोधन में उन्होंने रेलवे में अपनायी जाने वाली आधुनिक तकनीक का हवाला देते हुए भविष्य की कार्य योजना को एसएंडटी कर्मियों से साझा किया. राजीव शर्मा ने बताया कि रेलवे आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के साथ आधुनिकीकरण की ओर बढ़ रही है. इसके लिए देश भर में नयी तकनीकी वाले अत्याधुनिक उपकरणों को लगाया जा रहा है. लगभग 2000 स्टेशनों को इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग से सुसज्जित किया जा चुका है. नयी तकनीक के साथ सेंट्रलाईज ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम लगाये जा रहे है जिसके बाद आने वाले समय में ट्रेनें ऑटोमैटिक चलेंगी और ड्राइवर केवल बैठकर निगरानी ही करेंगे. ऐसे में आने वाला भविष्य एस एडं टी डिपार्टमेंट का है.
सेफ्टी पर उन्होंने कहा कि यह एक कल्चर है. भारत के सभी स्टेशनों पर मेकेनिकल इंटरलॉकिंग के स्थान पर बहुत जल्द इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग लगाने की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. सेफ्टी को और मजबूत करने के लिए अत्याधुनिक उपकरण लगाए जा रहे हैं जिससे रेलवे से दुर्घटना असंभव हो जायेगी. हम प्रोटेक्टिव मेंटेनेंस की जगह पर प्रेडक्टीव मेंटेनेंस की ओर बढ़ रहे हैं इसका प्रायोगिक प्रोटो टाइप वृंदावन स्टेशन पर लगाया गया है जहाँ लोकेशन बाक्स में एक सेंसर लगाया गया है जो Amazon Cloud पर लगातार डाटा भेजता है जो रिले रूम में लगे लैपटॉप के साथ कम्युनिकेट करता है. जैसे ही कोई उपकरण में खराबी आने वाली होती है एक मेसेज जेनेरेट होकर सिग्नल इंजीनियरों तथा तकनीशियन को सूचना मिल जाती है और उपकरण को फेल होने से पूर्व ही उसे रिपेयर कर दिया जाता है.