खुला मंच

स्टेशन मास्टर कर रहे हैं जीएडंएसआर नियमों का उल्लंघन, नियम ठेंगे पर

  • अपना श्रम बचाने के लिए नहीं करते फेलियर बुक, सिग्नल कर्मचारियों पर बढता में मानसिक दबाव

…रायबरेली के हरचंदपुर स्टेशन के पास बड़्रे रेल हादसे में मालदा टाउन से नई दिल्ली जा रही 14003 न्यू फरक्का एक्सप्रेस के इंजन समेत नौ डिब्बे पटरी से उतर गए. इसमें नौ लोगों की मौत हो गयी तो 50 से अधिक लोग घायल हुए. दूसरी घटना दिनांक 24.11.2018 को दक्षिण रेलवे के चेन्नई मंडल के बसीन ब्रिज में हुई जिसमें प्वाइंट फेल हुआ परन्तु संकेत विभाग को ऑपरेटिंग विभाग ने अपना श्रम बचाने के लिए पंक्चुलिटी के नाम पर डिस्कनेक्शन नहीं दिया और मानवीय भुल हो गई. यह सुखद संयोग था कि चालक ने समझदारी एवं विवेक से काम लेकर बड़े हादसे को टाल दिया.

आलोक चन्द्र प्रकाश, नाडियाड .. यह तो महज दो उदाहरण है. अभी हाल के दिनों में कुछ ऐसी रेल दुर्घटनाएँ हुई हैं जिसमें संकेत एवं दूरसंचार विभाग को जवाबदेह ठहराने की कोशिश की जा रही है, परन्तु वास्तविकता में यह स्टेशन मास्टर के जीएडं एसआर के नियमों का पालन नहीं करने और संकेत एवं दूरसंचार विभाग के फेलियर को बुक नहीं करने का उदाहरण है.

”जीएडंएसआर के नियमों के अनुसार यदि सिगनल फेल हो जाता है तो गाड़ियों को ऑथरिटी देकर तथा साइट पर प्वाइंट क्लैंप कर चलाना पड़ता है. इसके लिए स्टेशन मास्टर को अपने स्थान से दूर लगे प्वाइंटर तथा सिगनल पर जाना होता है, लेकिन स्टेशन मास्टर ऐसा नहीं करते और संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों पर अनावश्यक दबाव बना कर उन्हें शॉट-कट संरक्षा के विपरीत कार्य करने को विवश करते हैं.” यही नहीं संकेत एवं दूरसंचार विभाग को डिस्कनेक्शन भी नहीं दिया जाता क्योंकि डिस्कनेक्शन में स्टेशन मास्टर गाड़ी को सिगनल पर नही भेज सकता और उसे साइट पर प्वाइंट को क्लैंप तथा सिगनल पर जा कर ड्राइवर को ऑथरिटी देनी पड़ती है. यह काम स्टेशन मास्टर को करना होता है. यहां तक की कंट्रोलर भी पंक्चुलिटी के नाम पर संकेत एवं दूरसंचार विभाग को डिस्कनेक्शन देने से मना कर देता है. ऐसा करने से कई बार संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारी पर फेलियर को जल्दी ठीक करने तथा बिना डिस्कनेक्शन लिए ठीक करने का दबाव बन जाता है. यदि संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारी से जल्दीबाजी में कोई भुल होती है तो वहीं किसी बड़े रेल हादसे का कारण बन जाता है.

”जीएडंएसआर के नियमों के अनुसार यदि सिगनल फेल हो जाता है तो गाड़ियों को ऑथरिटी देकर तथा साइट पर प्वाइंट क्लैंप कर चलाना पड़ता है. इसके लिए स्टेशन मास्टर को अपने स्थान से दूर लगे प्वाइंटर तथा सिगनल पर जाना होता है, लेकिन स्टेशन मास्टर ऐसा नहीं करते और संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों पर अनावश्यक दबाव बना कर उन्हें शॉट-कट संरक्षा के विपरीत कार्य करने को विवश करते हैं.”

इन परिस्थितियों में संकेत एवं दूरसंचार विभाग को हर बार मानसिक व शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है. प्रबंधन समस्या के मूल तक जाने की जरूरत ही नहीं समझता बल्कि आनन-फानन में किसी व्यक्ति को सजा देकर जिम्मेदारी से इतिश्री कर लेता है. यह समस्या कोई एक दिन की नहीं बल्कि रेलवे में हर दिन की है. इंडियन रेलवे एसएडंटी मैंटेनरर्स युनियन रेल मंत्री जी से अनुरोध करती है कि वह जो नियम रेलवे द्वारा जीएडंएसआर में बनाए गए हैं उनका सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराये. ऑपरेटिंग विभाग को तत्काल दिशा-निर्देश दिया जाये और संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों को प्रताड़ित करना की प्रवृत्ति पर रोक लगायी जाये.

संकेत एवं दूरसंचार विभाग की महत्ता को समझते हुए जरूरी संरक्षा एवं सुरक्षा संबंधी कार्यों के लिए सही तरीके से डिस्कनेक्शन दिया जाए ताकि बिना दबाव में आए बिना संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारी संरक्षा एवं सुरक्षा से जुड़े उपकरणों का रख-रखाव तथा फेलियर को ठीक कर सके और यात्रियों तथा रेलवे के जान-माल की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने में और ज्यादा मदद मिल सके.

दिलचस्प बात यह है कि ऑपरेटिंग विभाग ने जीएडंएसआर के नियमों को भी अपने अनुकूल बनावा लिया है जो एसएडंटी विभाग को शॉटकट काम करने के लिए प्रेरित करता है, हालांकि यह यात्रियों के साथ-साथ रेलवे की संरक्षा एवं सुरक्षा से जुड़े उपकरणों के रख-रखाव तथा खराबी को ठीक करने के समय संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों का ध्यान भटकाता है. नियमों के अनुसार जब किसी प्वाइंट पर जरूरी संरक्षा संबंधी कार्यों का निष्पादन संकेत एवं दूरसंचार विभाग द्वारा किया जाता है तो प्वाइंट को क्लैंप कर गाड़ी चलानी पड़ती है. यह काम स्टेशन मास्टर यानि ऑपरेटिंग विभाग को करना पड़ता है. इससे बचने के लिए ऑपरेटिंग विभाग ने पंक्चुलिटी के नाम पर जीएडंएसआर के नियमों में ही संशोधन करवा दिया हे. इससे मानवीय भूल होने की संभावना कई गुना बढ़ गई है और आय दिन कहीं न कहीं कोई ना कोई अप्रिय घटना सामने आ रही है.

एसएडंटी को मिले पैनल ऑपरेशन की जिम्मेदारी, बेचेगा खर्च 

स्टेशन मास्टरों के नियमों के पालन नहीं करने की वजह से आय दिन कहीं न कहीं छोटी-मोटी घटनाएं होती रहती हैं जिसका सबसे मूल कारण स्टेशन मास्टरों का नॉन टेक्नीकल होना होता है. पैनल ऑपरेशन जबकि पूरी तरह से टेक्नीकल कार्य है, उसके बावजूद भी रेलवे अभी तक यह कार्य नॉन टेक्नीकल स्टेशन मास्टरों से करवा रहा है. जबकि संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारी पैनल बनाते, उसका रख-रखाव करते तथा खराबी को ठीक करने का काम करते हैं. ऐसे में यह बात समझ से परे है कि स्टेशन मास्टरों को पैनल ऑपरेट करने के लिए क्यों रखा गया है जबकि वही पैनल ऑपरेशन संकेत एवं दूरसंचार विभाग का 1900/- ग्रेड पे का कर्मचारी चला सकता है. इसके लिए अलग से 4200/- ग्रेड पे का सफेद हाथी की क्या जरूरत है? जबकि स्टेशन मास्टर संरक्षा एवं सुरक्षा से जुड़े उपकरणों की जानकारी नहीं होने के कारण हर कार्य के लिए संकेत एवं दूरसंचार विभाग के कर्मचारियों पर निर्भर रहते हैं और संकेत एवं दूरसंचार विभाग का कर्मचारी 24×7 ऑपरेटिंग विभाग की सेवा में बिना किसी ड्यूटी रोस्टर के हाजिर रहता है.

इंडियन रेलवे एस एडं टी मैंटेनरर्स युनियन ने प्रधानमंत्री को भी 16.01.2017 को पत्र लिख कर पैनल ऑपरेशन की जिम्मेदारी संकेत एवं दूरसंचार विभाग को दिए जाने की मांग की थी और बताया था कि इससे रेलवे के ऑपरेटिंग रेसिओ को भी सुधारने में मदद मिलेगी तथा कम खर्च कर कुशल पैनल ऑपरेटर भी मिल जाएगा जो टेक्नीकल भी होगा और संकेत एवं दूरसंचार विभाग के संरक्षा एवं सुरक्षा से जुड़े उपकरणों की सही समझ भी रखेगा.

लेखक इंडियन रेलवे एस एडं टी मैंटेनरर्स यूनियन के महासचिव है. 

Spread the love
Click to comment

You May Also Like

न्यूज हंट

इंजीनियरिंग में गेटमैन था पवन कुमार राउत, सीनियर डीओएम के घर में कर रहा था ड्यूटी  DHANBAD. दो दिनों से लापता रेलवे गेटमैन पवन...

रेल यात्री

PATNA.  ट्रेन नंबर 18183 व 18184 टाटा-आरा-टाटा सुपरफास्ट एक्सप्रेस आरा की जगह अब बक्सर तक जायेगी. इसकी समय-सारणी भी रेलवे ने जारी कर दी है....

न्यूज हंट

बढ़ेगा वेतन व भत्ता, जूनियनों को प्रमोशन का मिलेगा अवसर  CHAKRADHARPUR.  दक्षिण पूर्व रेलवे के अंतर्गत चक्रधरपुर रेलमंडल पर्सनल विभाग ने टिकट निरीक्षकों की...

न्यूज हंट

CHAKRADHARPUR. भारतीय रेलवे में ट्रैफिक सेवा ‘B’ ग्रुप के 53 अधिकारियों को जे ग्रेड मिला है. इसमें चक्रधरपुर रेल मंडल के डीसीएम देवराज बनर्जी भी...

Rail Hunt is a popular online news portal and on-going source for technical and digital content for its influential audience around the Country. Dr. Anil Kumar, Mannaging Editor, Contact with whatsapp 9905460502, mail at editor.railhunt@gmail.com, railnewshunt@gmail.com.

Exit mobile version