रेलवे ने 44 सेमी हाई स्पीड “वंदे भारत” ट्रेनों के निर्माण की निविदा को रद्द कर दिया है. शुक्रवार 21 अगस्त की रात रेल मंत्रालय ने इसकी घोषणा करते हुए स्पष्ट कर दिया कि सप्ताह भर में नयी निविदा जारी की जायेगी जिसमें ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम को प्राथमिकता दी जायेगी. इस कदम को चीन के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. 44 हाई स्पीड ट्रेन की आपूर्ति के लिए 6 दावेदारों में चीनी कंपनी अकेली विदेशी बोलीदाता था. सीआरआरसी पॉयनियर इलेक्ट्रिक (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, चीन की सीआरआरसी योंगी इलेक्ट्रिक लिमिडेट और गुरुग्राम में कंपनी पॉयनियर एफआईएल-मेड प्राइवेट लिमिटेड का संयुक्त उद्यम है. जिसकी स्थापना 2015 में की गयी थी.
रेल मंत्रालय ने ट्वीट में कहा, ”44 सेमी-हाई स्पीड ट्रेनों (वंदे भारत) के निर्माण की निविदा रद्द कर दी गई है. संशोधित सार्वजनिक खरीद (‘मेक इन इंडिया” को वरीयता) आदेश के अंतर्गत एक सप्ताह के भीतर ताजा निविदा आमंत्रित की जाएगी.” ऐसा माना जा रहा हैकि रेलवे यह टेंडर किसी घरेलू कंपनी को देना चाहता था और चीनी संयुक्त उद्यम के इसमें आगे होने के कारण इसे रद्द कर दिया गया.
रेलवे की चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्टरी ने 10 जुलाई को इसके लिए टेंडर जारी किया था. इसमें चीन की संयुक्त उद्यम के अलावा पांच बोलीदाताओं में भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, भारत इंडस्ट्रीज, इलेक्ट्रोवेव्स इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड, मेधा सेर्वो ड्राइवस प्राइवेट लिमिटेड और पावरनेटिक्स एक्विप्मेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड शामिल थे.
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