- दो सप्ताह में ओएचई डाउन कर 08 ओडीसी वाले वाहनों को अवैध रूप से कराया गया रेलवे क्रॉसिंग पार
- 11 दिसंबर को पास कराये गये वाहन नोवामुंडी के जोजो कैंप में हैं खडे, जांच से खुल जायेगी हकीकत
Barbil/Orrisa. चक्रधरपुर रेलमंडल में डीआरएम के पावर को अदना सा कर्मचारी भी चुनौती देने से नहीं घबराता. यहां कई ऐसे कार्य निचले स्तर पर ही कर्मचारी निपटा देते हैं जिनके लिए रेलवे नियमों में डीआरएम की अनुमति जरूरी होती है. अक्सर यह सब उस स्थान पर होता है जहां गैरकानूनी कार्य करने के लिए ऊंची कीमत मिलती है. इस कार्य में अन्य विभागों का भी सहयोग होने से मामला ऊपर तक पहुंचने से पहले ही ले-देकर सलटा दिया जाता है.
स्थानीय लोगों की माने तो रेलवे क्रॉसिंग से ओडीसी (ओवर डायमेंशन कन्साइनमेंट) वाहनों को पार कराने का खेल लंबे समय से चल रहा है. इसमें ट्रांसपोर्टर के साथ स्थानीय रेल अधिकारी व कर्मचारियों की संलिप्तता होती है. चार दिन पूर्व भी चार वाहनों को बिना डीआरएम के अनुमति आदेश के इसी तरह गेट व ट्रैक्शन डाउन कर पार कराया गया था. स्थानीय लोगों का कहना है कि नोवामुंडी, मुर्गाबेड़ा और देवझर की कई माइंस में बड़े-बड़े होलपेक ट्रक को लंबे-लंबे ट्रेलर पर लाद कर नोवामुंडी-बिलाईपदा मार्ग से यहां तक लाया जाता है. इस मार्ग पर देवझर क्रॉसिंग ही एकमात्र रास्ता है, इसलिए अगर कोई वाहन पार अनुमति के साथ पास कराया गया है तो उसका रिकॉर्ड चक्रधरपुर मंडल कार्यालय से देवझर स्टेशन व आरपीएफ के पास भी होना चाहिए. जो जांच में स्वत: स्पष्ट हो जायेगा.
रेलवे राजस्व व सेफ्टी को सीधे प्रभावित करने वाले इस कृत्य पर रेलवे का जोनल विजिलेंस भी मौन है. छोटे कर्मचारियों को अवैध वसूली और भ्रष्टाचार के नाम पर लगातार भयादोहित करने वाले रेलवे विजिलेंस के अधिकारियों ने लोडिंग सेक्शन के इस भ्रष्टाचार पर हमेशा आंखें मुंद रखी है.