- रेलवे व्यापक विद्युतीकरण, जल और कागज संरक्षण से लेकर पटरियों पर जानवरों को घायल होने से बचाने व पर्यावरण में बनेगी सहायक
- 39 कार्यशालाओं, 7 उत्पादन इकाइयों, 8 लोको शेड और एक स्टोर डिपो को मिला ‘ग्रीनको प्रमाणन’
- 2 प्लेटिनम, 15 गोल्ड और 18 सिल्वर रेटिंग भी शामिल, 19 रेलवे स्टेशनों को 3 प्लेटिनम, 6 गोल्ड और 6 सिल्वर रेटिंग व हरित प्रमाणन
- 27 रेलवे भवनों, कार्यालयों, परिसरों और अन्य प्रतिष्ठानों को भी 15 प्लेटिनम, 9 गोल्ड और 2 सिल्वर रेटिंग सहित हरित प्रमाणन प्राप्त हुए
- 600 रेलवे स्टेशनों को बीते दो साल में पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए आईएसओ : 14001 से प्रमाणित किया गया
नई दिल्ली. भारतीय रेल (आईआर) दुनिया में सबसे बड़ी हरित रेलवे बनने के लिए मिशन के रूप में काम कर रही है और वर्ष 2030 से पहले “शून्य कार्बन उत्सर्जक” बनने की दिशा में बढ़ रही है। रेलवे नए भारत की बढ़ती जरूरतों को पूरा करन के क्रम में पर्यावरण अनुकूल, दक्ष, किफायती, समयनिष्ठ और यात्रियों के साथ-साथ माल की आधुनिक वाहक बनने की राह पर चल रही है। भारतीय रेल व्यापक विद्युतीकरण, जल और कागज संरक्षण, रेलवे की पटरियों पर जानवरों को घायल होने से बचाने से जुड़े कदमों से पर्यावरण के प्रति मददगार हो रही है।
आईआर के डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर्स को दीर्घ कालिक कम कार्बन रोडमैप के साथ एक कम कार्बन हरित परिवहन नेटवर्क के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो उसे ज्यादा ऊर्जा दक्ष और कार्बन अनुकूल तकनीकों, प्रक्रियाओं व अभ्यासों को अपनाने में सक्षम बनाते हैं। आईआर दो समर्पित मालभाड़ा गलियारा परियोजनाओं– लुधियाना से दनकुनी (1,875 किमी) तक पूर्वी गलियारा (ईडीएफसी) और दादरी से जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (1,506 किमी) तक पूर्वी गलियारा (डब्ल्यूडीएफसी) को कार्यान्वित कर रहा है। ईडीएफसी के सोननगर-दनकुनी (538 किमी) भाग को सार्वजनिक निजी साझेदारी (पी पीपी) मोड में लागू करने की योजना बनाई गई है।
हरित प्रमाणन और पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली का कार्यान्वयन :
आईआर और भारतीय उद्योग परिसंघ के बीच आईआर पर हरित पहलों की सहूलियत के लिए जुलाई, 2016 में एमओयू पर हस्ताक्षर हुए थे। 39 कार्यशालाओं, 7 उत्पादन इकाइयों, 8 लोको शेड और एक स्टोर डिपो को ‘ग्रीनको’ प्रमाणन हासिल हो चुका है। इनमें 2 प्लेटिनम, 15 गोल्ड और 18 सिल्वर रेटिंग शामिल हैं।
हरित प्रमाणन में मुख्य रूप से ऊर्जा संरक्षण उपायों, नवीनीकृत ऊर्जा का उपयोग, ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी, जल संरक्षण, कचरा प्रबंधन, सामग्री संरक्षण, पुनर्चक्रीकरण आदि जैसे पर्यावरण को सीधा प्रभावित करने वाले मानकों के आकलन को शामिल किया जाता है। 19 रेलवे स्टेशनों ने भी 3 प्लेटिनम, 6 गोल्ड और 6 सिल्वर रेटिंग के साथ हरित प्रमाणन हासिल कर लिया है। रेलवे के 27 अन्य भवन, कार्यालय, परिसर और अन्य प्रतिष्ठानों को भी 15 प्लेटिनम, 9 गोल्ड और 2 सिल्वर रेटिंग सहित हरित प्रमाणन मिल चुका है। इसके अलावा, पिछले दो साल में 600 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों को पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली के कार्यावयन के लिए आईएसओ: 14001 के कार्यान्वयन के लिए प्रमाणित किया जा चुका है। कुल 718 स्टेशनों की आईएसओ : 14001 के लिए पहचान की गई है।
आईआर और अनुषंगी इकाइयों द्वारा प्रकाशित पर्यावरण स्थायित्व रिपोर्ट हर साल रणनीतियों का वर्णन करने वाले दस्तावेज तैयार करती है और इसमें जलवायु परिवर्तन, प्रमुख मुद्दे व उनसे निपटने के लिए उठाए गए कदमों पर जोर दिया जाता है। इससे रेलवे को जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौता, यूएन सतत विकास लक्ष्यों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन योजनाओं जैसी सरकार की प्रतिबद्धताओं को समर्थन देने में सहायता मिलती है।
प्रेस विज्ञप्ति PIB