देश-दुनिया

आज भी 8 घंटे की जगह 12 घंटे कराया जा रहा काम, यह शोषण ही तो है : डांगी

रेलहंट ब्यूरो

रेलवे कर्मचारी ट्रैकमेंटेनर एसोसिएशन #RKTA के राष्ट्रीय महामंत्री प्रमोद डांगी ने मजदूर दिवस पर रेलकर्मियों के नाम जारी बयान में आज भी कई विभागों में 12 घंटे कार्य कराने की प्रणाली पर चिंता जतायी है. प्रमोद जारी ने जारी बयान में बताया है कि एक मई को अन्तर्राष्ट्रीय मजदूर या मई दिवस पर दुनिया भर के मजदूरों और श्रमिक वर्ग के लिए समर्पित है. 1877 में मजदूरों ने काम के घंटे तय करने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया था. एक मई 1886 को अमेरिका के लाखों मजदूरों की हड़ताल के बाद भारत सहित दुनिया के तमाम देशों में 8 घंटे काम करने का रोस्टर बनाया गया. लेकिन साथियों भारतीय रेल में आज भी कुछ विभागों जिनमें मुख्यतया अपने इंजिनीरिंग विभाग में आज भी 8 घंटे की जगह 11-12 घं कार्य करवाया जा रहा है. जो कि एक तरह से शोषण को ही दर्शाता है. क्योंकि मजदूरों या श्रमिकों के हितों की रक्षा करना व उनके अधिकारों की पूर्ण रूप से प्राप्ति हेतु सम्बंधित संस्था के प्रशासन की जवाबदेही होती है. लेकिन ट्रैकमेंनर कैडर जो कि भारतीय रेलवे की रीढ़ की हड्डी के नाम से जाने जाते है एवं भारतीय रेलवे का सबसे बड़े कैडर है, जिसके हितों व अधिकारों की पूर्ण प्राप्ति में आज तक रेल प्रशासन विफल रहा है.

मज़दूर ऊंचाई की नींव है ,गहराई में है पर अन्धकार में क्‍यों, उसे तुच्छ ना समझना, वो देश का गुरूर है..

ट्रैकमेंनर कैडर के उन्हीं अधिकारों की प्राप्ति, हितों की रक्षा व सम्मान दिलाने के लिए ही हमारे संगठन RKTA (रेलवे कर्मचारी ट्रैकमेन्टेनर एसोसिएशन) का गठन किया गया था. जो पिछले 5 वर्षों से ट्रैकमेन्टेनर कैडर के हितों व अधिकारों की प्राप्ति के लिए संघर्षरत है. RKTA संगठन सभी के संघर्ष व सहयोग से 2700-/प्रतिमाह हार्ड डयूटी व रिस्क अलाउंस दिलाने, महिला ट्रैकमेन्टेनर का विभाग परिवर्तन की शुरुआत करवाने, अधिकांश समपारों पर 12 घण्टे की ड्यूटी से 8 घण्टे करवाने या 72 घण्टे प्रतिसप्ताह से 60 घण्टे प्रतिसप्ताह अथवा डबल रेस्ट/समयोपरि भत्ता दिलाने,10% व 40% रैंकर व इंटक कोटे के माध्यम से विभाग परिवर्तन करवाने एवं अपने अधिकार प्राप्ति हेतु अपनी आवाज बुलंद करने आदि में सफल भी रहा है. लेकिन अपने कैडर की प्रमुख मांग LDCE, हार्ड डयूटी रिस्क अलाउंस 30% करवाने व डयूटी लगातार 8 घण्टे करवाने के लिए RKTA संगठन आज भी विभिन माध्यमों से संघर्षरत है. इसके लिए सभी साथियों की एकता व सहयोग की अहम जरूरत है.

मजदूर दिवस उन लोगों के नाम है जो भारतीय रेल ही नही पूरी दुनिया के विकास की रीढ़ थे और आज भी हैं. यह दिवस याद दिलाता है कि अगर मजदूर न होते तो भारतीय रेल ही नही आज आधुनिकता की जिस चमक पर हम गर्व महसूस करते हैं वह अस्तित्‍व में ही नहीं होती. यह विकास,संपन्नता और ऐशो-आराम मजदूरों की ही देन है. इस मौके पर सभी कामगर मेहनतकश लोगों का कोटि-कोटि धन्‍यवाद.

सूचनाओं पर आधारित समाचार में किसी सूचना अथवा टिप्पणी का स्वागत है, आप हमें मेल railnewshunt@gmail.com या वाट्सएप 6202266708 पर अपनी प्रतिक्रिया भेज सकते हैं.

Spread the love
Click to comment

You May Also Like

रेल यात्री

JASIDIH. मोहनपुर-हंसडीहा-गोड्डा नई रेलखंड पर बुधवार 6 मार्च से देवघर-गोड्डा के बीच पहली 03786/03785 देवघर-गोड्डा डीएमयूट्रेन का परिचालन शुरू हो गया. भाजपा सांसद डॉ....

न्यूज हंट

रुटीन तबादलों का रास्ता हुआ साफ, डीजी/आरपीएफ ने जवान से लेकर एएससी तक का रखा ध्यान    Transfer System Changed In RPF. देश भर में...

रेलवे यूनियन

चक्रधरपुर रेल मंडल में पूर्व से संचालित क्वार्टर कमेटियों को बहाल करने की मांग  टाटा में रेलवे क्वार्टरों पर बाहरी लोगों का कब्जा खाली...

न्यूज हंट

Chennai Rail Coach Factory. देश में ऐसी ट्रेन कोच का वीडियो वायरल हो रहा है जो सभी सुविधाओं से युक्त है. ट्रेन के इस...

Rail Hunt is a popular online news portal and on-going source for technical and digital content for its influential audience around the Country. Dr. Anil Kumar, Mannaging Editor, Contact with whatsapp 9905460502, mail at editor.railhunt@gmail.com, railnewshunt@gmail.com.

Exit mobile version